डेंजर जोन में खतरा, कागजों में सिमटी सड़क सुरक्षा
जिला में वाहनों की संख्या करीब 70 फीसदी बढ़ चुकी है। ऐसे में डेंजर जोन में खतरा और भी बढ़ गया। ऐसे में डेंजर जोन में प्रशासन की तरफ से अब तक किए गए सारे सुरक्षा उपाय चौपट हैं। इसी ढील और लापरवाही से जिला की सड़कों पर हादसों का ग्राफ बढ़ रहा है।
फोटो-12, 13, 14 व 15 लोगो लगाएं...... -व्यवस्था न होने पर कोहरा डालेगा मुसीबत, लगाए गए बैरीकेड पर भी नहीं है कोई रिफ्लेक्टर टेप -जिला में 2018 से अक्टूबर 2020 तक कुल 1403 हादसे हो चुके हैं, इनमें 1126 घायल और 701 लोगों की मौत हो चुकी है
सुरेश सैनी, अंबाला शहर :
जिला में वाहनों की संख्या करीब 70 फीसदी बढ़ चुकी है। ऐसे में डेंजर जोन में खतरा और भी बढ़ गया। ऐसे में डेंजर जोन में प्रशासन की तरफ से अब तक किए गए सारे सुरक्षा उपाय चौपट हैं। इसी ढील और लापरवाही से जिला की सड़कों पर हादसों का ग्राफ बढ़ रहा है।
वर्ष 2018 से अक्टूबर 2020 तक का यातायात पुलिस का आंकड़ा उठाकर देखें तो इन वर्षो में कुल 1403 सड़क हादसे हो चुके हैं। इन हादसों में 1126 लोग घायल और 701 लोगों की मौत हुई। वहीं बीते दो सालों की अपेक्षा इस साल हादसों का ग्राफ तेजी से बढ़ा है। मरने वालों में ज्यादातर पैदल और दो पहिया वाहन चालकों की संख्या बताई गई है। कोरोना महामारी के चलते लॉकडाउन के दिनों में हादसों के ग्राफ में कुछ कमी आई थी, मगर यह ग्राफ अब फिर से बढ़ना शुरू हो चुका है। जिला में यहां-यहां बने डेंजर जोन
अंबाला कैंट: शास्त्री कॉलोनी एनएच पर ट्रैफिक कट, बड़ा गोल चक्कर, ओवर ब्रिज।
अंबाला शहर: जंडली पुल के पास, पॉलीटेक्निक चौक, अग्रसेन चौक, मानव चौक, मटहेड़ी शेखां चौक, कालका चौक।
मुलाना: दोसड़का-बराड़ा बंसल पैलेस के सामने, एमएम रोड पर होली मार्ग, जगाधरी-मुलाना पर एमएम मोड़, अधोया चौक, कालपी चौक व धीन चौक।
बराड़ा : त्रिवेणी चौक। इस चौक पर किसी प्रकार की कोई लाइट नहीं है।
साहा : मेन साहा चौक (इस चौक पर भी सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं हैं)।
नारायणगढ़ : शहजादपुर मोड़, बस स्टैंड के पास, डैहर गांव के पास साढ़ौरा रोड पर, बपौली रोड पर बख्बुआ गांव के पास (इन जगहों पर कोई लाइट या सूचनात्मक नहीं लगाया गया)। ऐसे में यहां हादसे होने की संभावना बनी रहती है। शहजादपुर : एनएच 72 पर टी प्वाइंट, नारायणगढ़ मोड़, वाइ प्वाइंट पीडब्ल्यूडी कार्यालय के नजदीक तथा मुख्य बस स्टैंड के पास। इन सभी जगहों पर सुरक्षा का कोई इंतजाम नहीं। यहां कोई लाइट का प्रबंध नहीं किया गया है। संकेतकों के रखरखाव की नहीं बनी योजना
संकेतकों व सिग्नलों के रखरखाव को लेकर कोई योजना नहीं बनाई गई है। निर्माण विभाग द्वारा कहीं-कहीं सड़कों के किनारे संकेतक पट लगाए गए हैं। इससे यातायात को सुरक्षित बनाने में कोई सहूलियत नहीं मिलती है जबकि शहर में किसी तरह के ट्रैफिक सिग्नल की व्यवस्था नहीं है और भविष्य में इस तरह की कोई व्यवस्था करने की कोई योजना नहीं बनाई गई है। दो साल में हादसों का ग्राफ
साल कुल हादसे मौत घायल
2018 570 275 453
2019 481 245 390
2020 352 181 283 वर्जन :
डेंजर जोन एरिया में जो भी कमियां है उन्हें दूर किया जाएगा। अगर वहां संकेतक बोर्ड या फिर रिफ्लेक्टर नहीं है वहां इनकी व्यवस्था की जाएगी। वाहन चालकों को भी जागरूक होना पड़ेगा की वह यातायात नियमों का पालन करें।
मदन लाल
डीएसपी, ट्रैफिक विग।