बच्चों को टीचर बनाने के लिए अभिभावकों ने भी दी कड़ी परीक्षा

शहर में एचटेट की परीक्षा देने के लिए जिले के हर कोने से हजारों की संख्या में अभ्यर्थी पहुंचे। जिले के 12 केंद्रों पर परीक्षा हुई। एचटेट की परीक्षा दिलाने के लिए अभ्यर्थियों के साथ उनके अभिभावकों ने भी अपनी कड़ी परीक्षा दी। अपने सारे कामकाज छोड़कर बच्चों को समय से परीक्षा केंद्र पर लेकर आए।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 17 Nov 2019 08:09 AM (IST) Updated:Sun, 17 Nov 2019 08:09 AM (IST)
बच्चों को टीचर बनाने के लिए अभिभावकों ने भी दी कड़ी परीक्षा
बच्चों को टीचर बनाने के लिए अभिभावकों ने भी दी कड़ी परीक्षा

जागरण संवाददाता, अंबाला: शहर में एचटेट की परीक्षा देने के लिए जिले के हर कोने से हजारों की संख्या में अभ्यर्थी पहुंचे। जिले के 12 केंद्रों पर परीक्षा हुई। एचटेट की परीक्षा दिलाने के लिए अभ्यर्थियों के साथ उनके अभिभावकों ने भी अपनी कड़ी परीक्षा दी। अपने सारे कामकाज छोड़कर बच्चों को समय से परीक्षा केंद्र पर लेकर आए। जब तक परीक्षा पूरी नहीं हुई तीन घंटे तक केंद्रों के बाहर ही बैठे रहे। किसी ने पार्क में लेटकर समय बिताया तो कोई बच्चों को खिलाते हुए दिखाई दिया। मां के साथ-साथ पिता को भी देनी पड़ी परीक्षा

मां केंद्र के अंदर परीक्षा दे रही थी। बाहर पिता को बच्चों को चुप कराना काफी मुश्किल पड़ा। मां के बिना बच्चे रोते-बिलखते रहे। उन्हें चुप कराने के लिए पिता ने तरह-तरह की चीज भी दिलाई। लेकिन बच्चे चुप नहीं हुए। किसी ने बच्चों को खिलौना दिलाया तो कोई जूस और टॉफी खिलाकर चुप कर रहा था। पिता बच्चे को गोद में लेकर इधर-उधर टहलते रहे। बाद में पेपर छूटा तो मां ने दूध पिलाकर बच्चे को चुप किया। परीक्षा छूटने के बाद लगा लंबा जाम

अंबाला में 12 केंद्रों पर हजारों की संख्या में अभ्यर्थियों ने परीक्षा देने के लिए पहुंचे। शाम 5:35 पर जैसे ही परीक्षा छूटी तो बाहर केंद्र के बाहर भीड़ लग गई। परीक्षार्थियों के आगे यातायात व्यवस्था भी चौपट हो गई। द एसडी विद्या स्कूल के बाहर लंबा जाम लग गया। जाम में फंसे वाहन रेंगते रहे। यहां पर यातायात व्यवस्था को संभालने के लिए पुलिस भी नहीं दिखाई दी। लोगों ने जाम को खुलवाने के लिए खुद ही कमान संभाली। एक तरफ का ट्रैफिक रोक-कर वाहनों को रवाना किया। उसके बाद ही स्थिति सामान्य हुई। तीन घंटे केंद्रों के बाहर बैठे रहे अभिभावक

अभिभावकों के लिए तीन घंटे तक परीक्षा केंद्रों के बाहर बैठने मुहाल हो गया। परीक्षा केंद्रो के बाहर पार्क में अभिभावकों ने आराम कर समय बिताया। तो किसी ने बाजार में जाकर शॉपिग की। कुछ लोगों ने अपने बच्चों को छोड़कर अपना निजी काम भी निपटाया। परीक्षा केंद्रों के पास चाट-पकौड़ी, जूस के ठेले लगाने वालों की भी बल्ले-बल्ले हुई। मनचाहे रेट पर उन्होंने सामान बेचा। 10 मिनट देरी से मिला पेपर

समय से पहले ही केंद्र के गेट बंद हो गए। अभ्यर्थी अपने-अपने कक्ष में जाकर बैठ गए। तीन बज गए, लेकिन अभ्यर्थियों को पेपर तक नहीं मिला। कुछ ने पेपर देने के लिए विरोध भी किया। फिर भी दस मिनट देरी से पेपर मिला। ऐसे में कुछ बच्चों को प्रश्न भी छूट गए। हांफते-हांफते पहुंचे परीक्षा केंद्रों पर

सभी परीक्षार्थियों को निर्धारित समय से एक घंटा पहले पहुंचना था। लेकिन कुछ अभ्यर्थी परीक्षा केंद्र पर पहुंचने में काफी लेट हो गए। हांफते-हांफते अभ्यर्थी परीक्षा केंद्र पर पहुंचे तो जब तक गेट बंद हो चुके थे। उन्होंने गेट खुलवाने के लिए काफी प्रयास किया, लेकिन जब गेट नहीं खुला तो वह रोने लगे। लोगों ने भी पुलिस वालों से गेट खुलवाने के लिए काफी अपील की। बाद में जैसे-तैसे कर गेट को खुलवाया। उसके बाद ही अभ्यर्थी अंदर पहुंचे। फिजिक्स, कैमिस्ट्री और कॉमर्स के सवालों ने उलझाया

फोटो नंबर :: 27

मैने कैमिस्ट्री का पेपर दिया है। मुझे कई सवालों ने उलझाया। पेपर ज्यादा टफ नहीं था, लेकिन कुछ प्रश्न ऐसे थे, जिन्होंने कंफ्यूज कर दिया।

प्रदीप खानपुर, नारायगणगढ़ फोटो नंबर :: 28

पेपर काफी कठिन था। फिजिक्स में कई सवाल ऐसे थे, जिनको सॉल्वड करने में पसीने छूट गए। हालांकि मैने उन्हें करने के लिए पूरा प्रयास किया।

अनिल, अंबाला कैंट फोटो नंबर :: 29

मेरा पेपर रूम नंबर 35 में था। मैं समय से पहले पहुंच गई, लेकिन फिर भी 10 मिनट देरी से पेपर मिला। ऐसे में मेरे कई सवाल भी छूट गए।

- सुचिता, अंबाला कैंट फोटो नंबर :: 30

कॉमर्स का पेपर ज्यादा कठिन नहीं था। मेहनत के साथ एग्जाम दिया है। हर सवालों का करने का हर तरह से प्रयास किया। अब बस रिजल्ट का इंतजार है।

- गजल मल्होत्रा, अंबाला शहर

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