होला महल्ला समागम श्रद्धा से मनाया, गुरबानी से संगत को किया निहाल
डेरा संत बाबा दलजीत सिंह में तीन दिवसीय होला मोहल्ला समागम श्रद्धा भावना के साथ मनाया गया। श्री अखंड पाठ साहिब जी के भोग के बाद श्री निशान साहिब की सेवा की गई।
संवाद सहयोगी, बराड़ा: ़डेरा संत बाबा दलजीत सिंह में तीन दिवसीय होला मोहल्ला समागम श्रद्धा भावना के साथ मनाया गया। श्री अखंड पाठ साहिब जी के भोग के बाद श्री निशान साहिब की सेवा की गई। इसके बाद कीर्तन दरबार सजाये गये। ं रागी लखविन्द्र सिंह शाहबाद वाले, भाई हरजीत सिंह सहारनपुर वाले, जोगिन्द्र सिंह जगाधरी वाले, सुखदेव सिंह ढाडी जत्था रोपड़ वाले, मनिद्र सिंह श्रीनगर वाले व संत बाबा दलजीत सिंह बराड़ा वाले संगत को कथा, कीर्तन व गुरु इतिहास सुनाकर निहाल किया। संत दलजीत सिंह ने संगत को होला महल्ला समागम की लख-लख बधाईयां दी व होला महल्ला के इतिहास पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि दशवें पातशाह गुरु गोबिन्द सिंह जी महाराज ने होला महल्ला का आरम्भ आनंदपुर साहिब के किला होलगढ़ से किया था और इसे मनाने का मुख्य मकसद गुरसिखों के अंदर फतेह के अनुभव को ओर ज्यादा दृढ़ करना था। बाबा ने कहा कि दशवें पातशाह खालसे को युद्ध विदिया में निपुण बनाना चाहते थे। इसलिये उन्होंने होली के स्थान पर होला महल्ला की शुरुआत की। इस अवसर पर फरिन्द्र पाल सिंह, तेजिन्द्र पाल, बहादुर सिंह, बलजीत सिंह, मनमीत सिंह, टोनी दिल्ली उपस्थित थे।