साढ़े 4 करोड़ की लागत से जिम्नास्टिक हॉल होगा आधुनिक, काम चल रहा है कछुआ गति से

साढ़े चार करोड़ की लागत से छावनी के वार हीरोज स्टेडियम में आधुनिक जिम्नास्टिक हॉल का पुननिर्माण कार्य किया जाएगा।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 19 Feb 2019 09:45 AM (IST) Updated:Tue, 19 Feb 2019 09:45 AM (IST)
साढ़े 4 करोड़ की लागत से जिम्नास्टिक हॉल होगा आधुनिक, काम चल रहा है कछुआ गति से
साढ़े 4 करोड़ की लागत से जिम्नास्टिक हॉल होगा आधुनिक, काम चल रहा है कछुआ गति से

जागरण संवाददाता, अंबाला : साढ़े चार करोड़ की लागत से छावनी के वार हीरोज स्टेडियम में आधुनिक जिम्नास्टिक हॉल का पुननिर्माण कार्य किया जाएगा। जिसमें न सिर्फ हॉल के अंदर टूटी कुíसयों को बदला जाएगा बल्कि उसके उपकरण भी बदले जाएंगे। लेकिन जिस ठेकेदार को जीर्णोंद्धार का ठेका दिया गया है उसका कार्य बहुत ही धीमी गति से चल रहा है। इसीलिए हॉल के अंदर गेम्स कराने में न सिर्फ परेशानी होती है बल्कि खिलाड़ियों को भी बैठने के लिए जगह नहीं मिल पा रही है।

हाल में कुश्ती प्रतियोगिता में खिलाड़यिों को जमीन पर बैठना पड़ा। क्योंकि जिम्नास्टिक हॉल में जो कुíसयां लगी थी वह भी अब हटा दी गई है। खेल विभाग के अधिकारियों का कहना है कि खेल विभाग की ओर से साढ़े 4 करोड़ की लागत से जिम्नास्टिक हॉल को आधुनिक तरीके से जिम्नास्ट के लिए तैयार किया जाएगा। प्रपोजल के मुताबिक जिम्नास्टिक हॉल के अंदर का फ्लोर बहुत पुराना और खस्ताहाल हो गया है जिसको रिपेयर कर काम शुरू हो चुका है। अधिकारियों का कहना है कि यह हॉल पूरी तरह से वातानुकूलित होगा। इसीलिए खिलाड़ी हर मौसम में आराम से अभ्यास के साथ-साथ प्रतियोगिता में हिस्सा ले सकेंगे। इसके अलावा हॉल में डाउन फॉल सी¨लग के साथ-साथ पूरी तरह से साउंड प्रूफ किया जाएगा।

ओलंपिक गेम्स में इस्तेमाल होने वाला लगेगा सामान

खेल अधिकारियों का कहना है कि ओलंपिक गेम्स में इस्तेमाल हो रहे उपकरण को स्टेडियम में स्थापित किया जाएगा ताकि यहां पर नेशनल स्तर की गेम्स हो सके। इसमें वा¨ल्टग टेबल और वर्टी टेबल मुख्य उपकरण हैं। दोनों ही उपकरण विदेश से अंबाला के जिम्नास्टिक हॉल के लिए मंगवाए जाएंगे ताकि खिलाड़ियों को उच्च स्तर के उपकरणों पर खेलने और अभ्यास करने का मौका मिलेगा। वर्तमान में इनेलो सरकार के तत्कालीन मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला द्वारा साल 2001 में लगवाया गया वा¨ल्टग टेबल आज तक चल रहा है जिसकी समय सीमा काफी समय पहले खत्म हो चुकी है।

वीआइपी बनेगी गैलरी

जिम्नास्टिक हॉल में एक जगह खाली पड़ी है और खेल विभाग की योजना यहां पर वीआइपी और वीवीआइपी गैलरी बनाने की योजना भी है। इसके अलावा जो कुíसयां लगेगी वह भी छावनी के बैड¨मटन हॉल में लगाई गई कुíसयां जैसी ही लगेगी। पहले प्लास्टिक की कुíसयां लगी थी जो टूट जाती थी लेकिन स्टील वाली कुíसयां से न सिर्फ हॉल की सुंदरता को बढ़ाएंगी बल्कि ज्यादा चलेंगी।

कोट्स

स्टेडियम का जिम्नास्टिक हॉल आधुनिक बनाया जाएगा जिसका काम शुरू हो गया है। स्टेडियम नए उपकरण लगने से खिलाड़ियों को फायदा होगा और जल्द ही इसका काम पूरा हो जाएगा।

- अरुण कांत, उप निदेशक, खिल विभाग हरियाणा।

chat bot
आपका साथी