एफआइआर दर्ज करने के लिए पुलिस रिश्वत मांगे तो करें शिकायत : गुप्ता
जागरण संवाददाता, अंबाला : राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय भरेड़ी कलां में कानूनी साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया।
जागरण संवाददाता, अंबाला : राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय भरेड़ी कलां में कानूनी साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया। इसकी अध्यक्षता मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी दानिश गुप्ता ने की। गुप्ता ने विद्यार्थियों को प्राधिकरण की ओर से उपलब्ध कराई जाने वाली मुफ्त कानूनी सहायता के बारे में जानकारी दी। उन्होंने छात्रों को प्रथम सूचना रिपोर्ट के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि पीड़ित व्यक्ति को घटना के बाद तुरन्त रिपोर्ट लिखवाना आवश्यक है। यह इसीलिए कि सुबूत मिलने में और अपराधी को पकड़ने में आसानी हाती है। अगर अपराधी का नाम, पता आदि मालूम है तो यह जानकारी एफआइआर दर्ज कराते समय ही पुलिस को दें। अगर किसी कारण से रिपोर्ट लिखवाने में आपसे देरी होती है तो उस कारण को भी रिपोर्ट में लिखवाना भी जरूरी है। एफआइआर दर्ज कराने के लिए कुछ भी पैसे नहीं लगते हैं। इसका खर्च सरकार उठाती है। अगर कोई एफआइआर दर्ज करने के लिए पैसे मांगता है तो वह रिश्वत है और इस बात को लिखित रूप में उच्च अधिकारी को सूचित करना चाहिए।
यदि पुलिस अधिकारी तथा उच्च पुलिस अधिकारी सूचना दर्ज नहीं करता है तो पीड़ित व्यक्ति संबंधित मजिस्ट्रेट को इसकी एक लिखित शिकायत कर सकता है तथा मैजिस्ट्रेट अपनी शक्ति का प्रयोग करते हुए जो कि धारा 190 में निहित है, सम्बंधित पुलिस अधिकारी को धारा 156 (3) में सूचना दर्ज करने बारे तथा कार्रवाई करने बारे आदेश दे सकता है।