दस्तावेजों से पेश की महाराजा रणजीत सिंह की रियासत से लेकर अंबाला बनने की कहानी
अभिलेखागार विभाग हरियाणा अंबाला मंडल द्वारा एसए जैन सीनियर माडल स्कूल में लगाई गई ऐतिहासिक प्रदर्शनी के बृहस्पतिवार को संपन्न हो गई।
जागरण संवाददाता, अंबाला शहर : अभिलेखागार विभाग हरियाणा अंबाला मंडल द्वारा एसए जैन सीनियर माडल स्कूल में लगाई गई ऐतिहासिक प्रदर्शनी के बृहस्पतिवार को संपन्न हो गई। इस दौरान 1783 में सरदार गुरबख्श सिंह की मृत्यु के पश्चात उसकी विधवा रानी दया कौर अंबाला रियासत की शासक बनी । 1808 में महाराजा रणजीत सिंह ने दया कौर से यह रियासत छीन ली। परन्तु जरनल आक्टरलोनी ने उसको रियासत पुन: दिलवा दी । 1823 में रानी दयाकौर की मृत्यु के बाद इस रियासत को अंग्रेजों ने अपने कब्जे में ले लिया। यहां सिस-सतलुज राज्यों के पोलीटिकल एजेंट का निवास स्थान बना दिया । 1843 में वर्तमान अंबाला छावनी बनी । 1849 में अंबाला जिले और मंडल का मुख्यालय बनाया। म्युनिसिपल कमेटी की स्थापना 1862 में हुई । 1857 में अंबाला छावनी में 26 मार्च से प्रथम मई , 1857 तक आगजनी की घटनाओं की रिपोर्ट जिसमें बताया गया कि अंबाला में मेरठ से फौजी आए। उन्होने अंग्रेजो के बंगलों, सस्त्रागार, घुड़साल में आग लगा थी । इस प्रकार अंबाला में मेरठ से भी पहले क्रान्ति का आगाज होने के संकेत मिले थे। इस तरह के बहुत से ऐतिहासिक दस्तावेज भी इस प्रदर्शनी में दिखाए गए। प्रिसिपल अनीता मेहता ने बताया कि प्रदर्शनी से विद्यार्थियों के ज्ञान में न केवल इजाफा हुआ बल्कि बहुत सी ऐसी बातें भी पता चली जोकि विद्यार्थियों को सदा स्मरण रहेंगी।
गधे को विदेशी कपड़े पहनाकर निकाला जुलूस
11 अप्रैल, 1919 के बम्बई (मुंबई) क्रोनिकल में 10 अप्रैल, 1919 को महात्मा गांधी की पलवल में हुई गिरफ्तारी का विस्तृत समाचार, 1930 में आर्य समाज हाई स्कूल, शाहाबाद के विद्यार्थियों द्वारा राष्ट््रीय आन्दोलन में भाग लेने की रिपोर्ट, 26 जनवरी, 1930 को नगर आयुक्त, सोनीपत द्वारा राष्ट््रीय झंडा फहराने की रिपोर्ट, विदेशी कपड़ों के बहिष्कार करने के समर्थन में विद्यार्थी द्वारा एक गधे को विदेशी कपड़े पहनाकर जुलूस निकाला गया । 1942 में अंबाला छावनी के निशात टाकीज में सरकार विरोधी पर्चे बांटे जाने की रिपोर्ट भी दिखाई गई है। इसके अतिरिक्ति प्रदर्शनी में प्रदर्शित बहादुर शाह जफर, बल्लबगढ़ के राजा नाहर सिंह, भगत सिंह, राव तुला राम, हांसी के लाला हुकम चन्द जैन आदि के फोटोग्राफ भी प्रदर्शित किए गए।