बाईपास पर जमीन दिलवाने के नाम पर 20 लाख की ठगी

शहर के बाईपास स्थित गांव कालूमाजरा के पास जमीन दिलवाने का झांसा देकर 20 लाख रुपये की ठगी कर ली गई। मामले में न तो शिकायतकर्ता को जमीन रजिस्ट्री की और न ही 20 लाख रुपये की राशि लौटाई। धोखाधड़ी होने पर पुलिस ने शिकायत पर मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 26 Oct 2021 06:45 AM (IST) Updated:Tue, 26 Oct 2021 06:45 AM (IST)
बाईपास पर जमीन दिलवाने के नाम पर 20 लाख की ठगी
बाईपास पर जमीन दिलवाने के नाम पर 20 लाख की ठगी

जागरण संवाददाता, अंबाला शहर : शहर के बाईपास स्थित गांव कालूमाजरा के पास जमीन दिलवाने का झांसा देकर 20 लाख रुपये की ठगी कर ली गई। मामले में न तो शिकायतकर्ता को जमीन रजिस्ट्री की और न ही 20 लाख रुपये की राशि लौटाई। धोखाधड़ी होने पर पुलिस ने शिकायत पर मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है।

मिलाप नगर के आशु कुमार सिगला ने बताया कि वह पंजाब स्टेट वेयर हाउसिग कारपोरेशन चंडीगढ़ में नौकरी करता है और हिसार रोड बाईपास पर जमीन खरीदना चाहता था। अक्टूबर 2018 में गांव कालू माजरा में जमीन देखने गया था। वहां एक व्यक्ति ने जमीन खरीदने- बेचने के लिए टेंट लगाया था। उसके पास गया तो उसने खुद को मदन लाल निवासी लोहसिम्बली पंजाब बताया। उसने बताया कि कालू माजरा के आसपास सस्ती जमीन दिलवा सकता है। मदन लाल ने बताया कि सस्ते रेट में कालू माजरा की जमीन हिसार बाईपास पर मिल रही है जो करीब 19 कनाल है। जमीन मालिक बलविद्र सिंह, हरजीत सिंह, कीकर सिंह वासीयान नकटीयान तहसील फतेहाबाद और चरण कौर, दलजीत कौर, सविन्द्र कौर, बचित्र ने अपनी हिस्से की जमीन का मुख्तयारनामा हरजीत सिंह के नाम किया हुआ है और फतेहाबाद में रहते हैं। जमीन लगभग 64 लाख रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से मिल सकती है। मदन लाल ने 19 कनाल जमीन दिखाई। उसमें से छह कनाल जमीन लेने का मन बना लिया था। जमीन लगभग 48 लाख रुपये में खरीदने का सौदा तय किया था। 27 नवंबर 2018 को 1 लाख रुपये मदन लाल की खाते में भेज दिए। इकरारनामा 11 दिसंबर को तय किया। बैंक खाता से 14 लाख रुपये का चेक 11 दिसंबर 2018 का भरकर मदन लाल को दिया। 11 दिसंबर 2018 को मदन लाल ने कीकर सिंह जमीन के मालिक थे के साथ 2 हजार रुपये के स्टाम्प पेपर पर जमीन खरीदने बारे इकरारनामा कर लिया था।

रजिस्ट्री करवाने की 30 सितंबर 2019 दोनों पक्षों की आपसी सहमति से निश्चित की गयी थी। रजिस्ट्री के 5 लाख रुपये अलग अलग ले गया। 30 सितंबर 2019 को तहसील कार्यालय बंद होने तक मदन लाल व जमीन के असल मालिक कीकर सिंह व अन्य का इंतजार किया, लेकिन कोई नहीं आया। बाद में भी टालमटोल जारी रखी। मदन लाल निवासी लोहसिम्बली पटियाला, बलविन्द्र सिंह, हरजीत सिंह, कीकर सिंह वासी यान गांव नाकटीय तहसील फतेहबाद ने आपस में मिलकर जमीन लेने के नाम पर 20 लाख रुपये हड़प लिये।

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