वाटिका सिटी लिमिटेड के एमडी और जीएम पर धोखाधड़ी का केस
वाटिका सिटी लिमिटेड के एमडी और जीएम समेत चार पर धोखाधड़ी का मामला दर्ज हुआ है। यह मामला करनाल निवासी विजय गुप्ता की शिकायत पर सेक्टर-9 थाना में दर्ज किया गया।
जागरण संवाददाता, अंबाला शहर : वाटिका सिटी लिमिटेड के एमडी और जीएम समेत चार पर धोखाधड़ी का मामला दर्ज हुआ है। यह मामला करनाल निवासी विजय गुप्ता की शिकायत पर सेक्टर-9 थाना में दर्ज किया गया।
विजय गुप्ता ने अपनी शिकायत में बताया कि उसे 17 अक्टूबर 2010 में 300 वर्ग गज का प्लाट अलॉट हुआ था, जो कि 21 मई 2015 को उसके नाम से दर्ज हो गया। इसके बाद वह इस प्लाट के संबंध कंपनी के जनरल मैनेजर से मिला, लेकिन उसे किसी ने कोई जानकारी नहीं दी। बाद में उसे पता चला कि कंपनी के एमडी गौतम भल्ला, प्रेसिडेंट ऑपरेशन नवीन बख्शी, जीएम केपी मिश्रा व वीना भूमिया ने सेक्टर-23 का मास्टर प्लान बदल दिया है। उसका प्लाट का एरिया 300 गज से घटाकर 180 गज कर दिया गया है। इन लोगों ने उसके इस प्लाट को भी किसी अन्य व्यक्ति को बेच दिया है।
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बैंक से वाहन लोन लेकर नहीं भरी किस्तें
जागरण संवाददाता, अंबाला शहर : यस बैंक से वाहन के लिए लोन लेकर किस्त नहीं भरना आरोपित को महंगा पड़ गया। बैंक मैनेजर ने शहर थाना पुलिस को शिकायत देकर आरोपित तरसेम सैनी व विशाल सैनी के खिलाफ 24 लाख 3 हजार 671 रुपये का फ्रॉड करने पर धोखाधड़ी का केस दर्ज करवाया है। शिकायतकर्ता बैंक मैनेजर भरतदीप सिंह के मुताबिक शहर के जोगीवाड़ा में स्थित सैनी ट्रांसपोर्ट के मालिक तरसेम सैनी ने अपने कारोबार को बढ़ाने के लिए बैंक से संपर्क कर 65 लाख 34 हजार रुपये लोन की मांग की। सभी औपचारिकताएं पूरी होने के बाद बैंक लोन देने के लिए तैयार हो गया और लोन पास होने के बाद राशि को तरसेम के खाते में जमा हो गई।
मैनेजर भरतदीप सिंह के मुताबिक लोन की रकम तरसेम के खाते में जमा होने से पहले व्हीकल की मासिक किस्त कितनी बनेगी इसके बारे में बता दिया गया था। आरोपित तरसेम ने लोन लेने के बाद कुछ किस्तें भरने के बाद अन्य किस्तों को भरना छोड़ दिया। ऐसे में अब आरोपित व्हीकल को बेचने की फिराक में था। इस बारे में बैंक को पता चल गया। यही नहीं आरोपित नए दस्तावेज तैयार कर छावनी स्थित यस बैंक से नया लोन ले लिया। ऐसे में आरोपित पर 24 लाख 3 हजार 671 रुपये की राशि बकाया है। मैनेजर ने पुलिस को शिकायत देकर आरोपित व उसका सहयोग देने वाले अन्य आरोपित के खिलाफ शिकायत देकर केस दर्ज करवाया है।