जाति प्रमाण पत्र के लिए दस दिन से सीएचसी व तहसील के चक्कर काट रहा युवक
बीमार पिता का जाति प्रमाण पत्र बनवाने के लिए दयाल बाग निवासी सुदेव सीएससी सेंटर व तहसील कार्यालय में भटक रहा है।
जागरण संवाददाता, अंबाला: बीमार पिता का जाति प्रमाण पत्र बनवाने के लिए दयाल बाग निवासी सुदेव सीएससी सेंटर व तहसील कार्यालय में भटक रहा है। पहले तो सीएससी सेंटर में सर्वर की समस्या बोलकर घुमाया जा रहा तो कभी तहसील कार्यालय में दस्तावेज पूरे न होने की बात बोलकर लौटा दिया जाता है। इस मामले को लेकर सोमवार छावनी के तहसील कार्यालय में युवक ने ह्मयूमन राइट्स सदस्यों के साथ मिलकर तहसीलदार के समक्ष अपनी समस्या को रखा। ह्मयूमन राइट्स टीम में जेपी मेहता, अशोक बब्बर, रविश जैन, प्रदीप गुप्ता, कैप्टन अमरजीत, एससी शर्मा, करन अग्रवाल, अमरनाथ, आरडी सैनी, कंवरपाल राणा मौजूद रहे। सुदेव का कहना था कि उसके पिता सुरेश कुमार की तबीयत दस दिन खराब हो गई थी। उपचार के लिए छावनी के नागरिक अस्पताल में दाखिल करवाया तो वहां उनकी सांस की नली में स्टंट डाला गया था। जिसका खर्च करीब पचास हजार रुपये आया। परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक न होने के कारण खर्च माफ करवाने के लिए जाति प्रमाण पत्र बनवाना है। ताकि उनका खर्च माफ हो सके। सीएससी सेंटर रामबाग रोड में गया तो पहले वहां तीन-चार दिन सर्वर ठप की बात बोलकर टाल दिया। तहसील में पहुंचे तो उन्हें कोई सही जानकारी ही नहीं दे रहा। जबकि अस्पताल से खर्च राशि ना चुकाने के लिए फोन आ रहे। ऐसी स्थिति में प्रमाण पत्र न बनने के कारण बुरी तरह से फंस गए हैं। तहसीलदार राजेश पुनिया ने कहा कि दस्तावेज की प्रक्रिया को पूरा करना जरुरी है। जैसे ही वह होती है तो उसी दिन प्रमाण पत्र बना दिया जाएगा।