ट्रैक्टरों पर काले झंडे लगा किसानों ने किया विरोध

तीन अध्यादेश के खिलाफ भारतीय किसान यूनियन के नेतृत्व में किसानों ने सोमवार को अपना विरोध जताया। किसान ट्रैक्टरों पर काले झंडे लगाकर अंबाला-हिसार हाईवे पर गांव बलाना में एकत्रित हुए।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 21 Jul 2020 08:22 AM (IST) Updated:Tue, 21 Jul 2020 08:22 AM (IST)
ट्रैक्टरों पर काले झंडे लगा किसानों ने किया विरोध
ट्रैक्टरों पर काले झंडे लगा किसानों ने किया विरोध

जागरण संवाददाता, अंबाला शहर : तीन अध्यादेश के खिलाफ भारतीय किसान यूनियन के नेतृत्व में किसानों ने सोमवार को अपना विरोध जताया। किसान ट्रैक्टरों पर काले झंडे लगाकर अंबाला-हिसार हाईवे पर गांव बलाना में एकत्रित हुए। हालांकि ग्रामीण क्षेत्र कड़ासन, बराड़ा में भी काफी संख्या में किसान जुटे। करीबन एक बजे एसडीएम गौरी मिड्ढा मौके पर पहुंचीं और किसानों से मांगों को ज्ञापन लिया।

बता दें कि तीन अध्यादेश के खिलाफ सुबह दस बजे ही किसान इकट्ठा होने लगे थे। दोपहर तक अंबाला-हिसार हाईवे स्थित गांव बलाना में करीब सात सौ ट्रैक्टर लेकर किसान पहुंचे। क्योंकि भारतीय किसान यूनियन पिछले कई दिनों गांव-गांव जाकर किसानों को जागरूक कर रही थी। क्योंकि मंडीकरण तोड़े जाने पर किसानों फसल को औने-पौने दामों पर खरीदी जाएगी। जबकि केंद्र सरकार किसानों की 2022 में दोगुना आय का भरोसा दिला रही है। यदि ऐसी स्थिति रही तो किसानों रोटी के भी लाले पड़ जाएंगे।

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- किसानों की मेहनत के कारण घूम रहा अर्थव्यवस्था का पहिया

भारतीय किसान यूनियन के जिला प्रधान मलकीत सिंह ने बताया कि केंद्र सरकार ने तीन कृषि अध्यादेश लागू किए हैं और डीजल की कीमतों में वृद्धि की गई है। केंद्र सरकार के ये कदम किसान विरोधी हैं। जबकि कोरोना महामारी में किसान की मेहनत के कारण ही अर्थव्यवस्था का पहिया घूम रहा है। मौके पर हलका प्रधान सुखविद्र सिंह जलबेहड़ा, भाकियू वाइस प्रधान गुलाब सिंह, मुलाना ब्लाक प्रधान हरपाल सिंह धन्यौड़ा ने भी किसानों को संबोधित किया।

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-ये हैं तीन अध्यादेश

केंद्र ने एपीएमसी एक्ट में बदलाव कर मंडियों के बाहर कंपनियों को अनाज खरीद की खुली छूट दे दी है। इससे हरियाणा-पंजाब में मंडीकरण का ढांचा टूट जाएगा। पूंजीपति किसानों की फसल कम दामों में खरीदेंगे। किसानों की फसल को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदे जाने की भी सरकार ने गांरटी नहीं दी। दूसरे अध्यादेश में आलू, प्याज, दलहन, तिलहन आदि के भंडारण की सीमा पर लगी रोक को हटा लिया गया है। इससे भी कंपनियों को ही फायदा होगा। तीसरे अध्यादेश में कांट्रेक्ट फार्मिंग को बढ़ावा दिया जाएगा, इससे किसान अपने ही खेत में मजदूर बन जाएंगे।

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