बदला नजरिया : धान-गेहूं छोड़ पोली हाउस में उगा रहे सब्जियां

जागरण संवाददाता अंबाला शहर पुरानी परंपरा छोड़ किसानों ने नजरिया बदलना शुरू कर दि

By JagranEdited By: Publish:Mon, 26 Jul 2021 06:38 AM (IST) Updated:Mon, 26 Jul 2021 06:38 AM (IST)
बदला नजरिया : धान-गेहूं छोड़ पोली हाउस में उगा रहे सब्जियां
बदला नजरिया : धान-गेहूं छोड़ पोली हाउस में उगा रहे सब्जियां

जागरण संवाददाता, अंबाला शहर : पुरानी परंपरा छोड़ किसानों ने नजरिया बदलना शुरू कर दिया है। जिसमें गेहूं-धान को छोड़ हरी सब्जियों की ओर रुख हो रहा है। इसी तर्ज पर नेट और पोली हाउस लगवाए जा रहे हैं। जिसमें धान गेहूं के मुकाबले अधिक इनकम की जा रही है। पिछले तीन सालों पर नजर मारें तो 83 किसानों ने लाभ उठाया। जिन्होंने 77 एकड़ में नेट और पोली हाउस लगवाए गए।

गेहूं और धान को बदल कर अन्य सब्जियां करने से खेतों में दोबारा उपजारू शक्ति बन जाती है। पुरानी परंपरा के तहत खेती करने पर पैदावार घटने लगी है। इसी को देखते हुए किसानों ने फसल चक्र विधि को अपनाना शुरू किया है। किसान इंद्रजीत सिंह ने बताया कि यदि एक एकड़ जमीन में नेट हाउस के जरिए वे 10 लाख रुपये सालाना आमदनी कमा लेते हैं। जितना गेहूं और धान से कमा नहीं सकते हैं। किसानों का कहना है कि समय के साथ किसानों को बदलना जरूरी है। खेती घाटे का सौदा नहीं है, यदि बेहतरी से और समय की मांग के अनुरूप किया जाए।

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83 किसानों ने उठाया लाभ

2018-19 में 16 किसानों ने लाभ उठाया था। जिसमें 15 एकड़ में पोली हाउस लगवाए गए थे। 2019-20 में 51 किसानों ने लाभ उठाया था जिन्होंने 48 एकड़ में पोलीहाउस लगवाया था। वहीं 2020-21 में 16 किसानों ने लाभ उठाया, जिसमें 14 एकड़ में पोलीहाउस लगवाया गया था।

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ये चाहिए दस्तावेज

नेट या पोलीहाउस के लिए पहले किसानों को दस्तावेजों की प्रकिया पूरी करनी पड़ती है। जिसमें किसानों को मेरी फसल मेरा ब्योरा पर पंजीकरण, दो फोटो, आधार कार्ड, मिट्टी पानी की जांच रिपोर्ट, नेट हाउस का नक्शा लेना होता है।

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किसानों को दी जाती है 65 फीसद सब्सिडी

नेट हाउस और पोली हाउस पर सरकार की ओर से 65 प्रतिशत सब्सिडी दी जाती है। इसमें 50 प्रतिशत सब्सिडी केंद्र सरकार देती है और 15 प्रतिशत सब्सिडी राज्य सरकार देती है। बागवानी विभाग से 65 प्रतिशत सब्सिडी लेकर किसान काम शुरू करते है। शुरुआत में 20 लाख रुपये का प्रोजेक्ट है। इसके बाद 65 प्रतिशत सरकार की ओर से वापस मिल जाते है।

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नेट हाउस की तरफ किसानों का रुझान है। किसान नेट हाउस के जरिए टमाटर, खीरा, मिर्च की खेती करते हैं। विभाग की तरफ से सब्सिडी भी दी जाती है। ताकि किसान को किसी प्रकार की परेशानी न हो। लोगों का रुझान बढ़ रहा है।

डा.अजेश कुमार, जिला उद्यान अधिकारी, अंबाला शहर।

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