एनरोलमेंट, दाखिला और एसएलसी के लिए भटकेंगे विद्यार्थी व अभिभावक
एक ओर जहां विद्यार्थियों का एनरोलमेंट और बोर्ड का दाखिला भरा जाना है वहीं कई विद्यार्थियों के सामने स्कूल लीविग सर्टिफिकेट (एसएलसी) की परेशानी खड़ी हो गई है। जिले में ऐसे कई विद्यार्थी हैं जिनको स्कूलों में बिना एसएलसी के एडमिशन दे दिया गया।
जागरण संवाददाता, अंबाला : एक ओर जहां विद्यार्थियों का एनरोलमेंट और बोर्ड का दाखिला भरा जाना है, वहीं कई विद्यार्थियों के सामने स्कूल लीविग सर्टिफिकेट (एसएलसी) की परेशानी खड़ी हो गई है। जिले में ऐसे कई विद्यार्थी हैं, जिनको स्कूलों में बिना एसएलसी के एडमिशन दे दिया गया। अब नौवीं और ग्यारहवीं के जहां एनरोलमेंट भेजे जाने हैं, वहीं दसवीं और बारहवीं के लिए बोर्ड को दाखिला भेजना है। इन दोनों सूरत में अभिभावकों के लिए परेशानी बढ़ सकती है। दूसरी ओर शिक्षा नियमावली 134ए के तहत जिन विद्यार्थियों ने परीक्षा दी है, दाखिला लेने के लिए एसएलसी देनी होगी। बताया जाता है कि ड्यूज को लेकर विवाद है, जबकि इसी कारण से एसएलसी भी लटकी है। ऐसे में यदि बच्चे का नाम लिस्ट में आता है, तो एडमिशन के दौरान एसएलसी की शर्त परेशानी बन सकती है। उल्लेखनीय है कि कोविड काल के दौरान स्कूल बंद रहे, जबकि पढ़ाई आनलाइन होती रही। शिक्षा सत्र 2021-22 के लिए एडमिशन तो शुरु हुए, लेकिन इस दौरान छूट दी गई कि बिना एसएलसी भी एडमिशन दे दिया जाए। इस में नौंवीं से बारहवीं तक के भी विद्यार्थी शामिल हैं, जिनको बिना एसएलसी के एडमिशन दे दिया गया। अब इन विद्यार्थियों के लिए परेशानी खड़ी हो सकती है। बताया जाता है कि विद्यार्थियों के एनरोलमेंट भेजने हों या फिर बोर्ड को दाखिला, इसके लिए एसएलसी देनी होगी। इसी को लेकर अब माथापच्ची की जा रही है। बताते हैं कि जिन स्कूलों से बिना एसएलसी लिए एडमिशन लिया है, उनके लिए दिक्कत खड़ी हो सकती है। इस बारे में खंड शिक्षा अधिकारी रेणू अग्रवाल ने कहा कि नौवीं से बारहवीं तक के विद्यार्थियों का एनरोलमेंट अथवा दाखिला भेजा जाना है। ऐसा केस अभी उनकी जानकारी में नहीं है।