बुराई त्यागकर अच्छाई का अनुसरण करें: हरपाल सिंह

ऐतिहासिक गुरु लखनौर साहिब नन्हियाल गुरु गोबिद सिंह के पावन स्थान पर आयोजन किया गया।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 16 Oct 2021 05:44 AM (IST) Updated:Sat, 16 Oct 2021 05:44 AM (IST)
बुराई त्यागकर अच्छाई का अनुसरण करें: हरपाल सिंह
बुराई त्यागकर अच्छाई का अनुसरण करें: हरपाल सिंह

जागरण संवाददाता, अंबाला शहर: ऐतिहासिक गुरु लखनौर साहिब नन्हियाल गुरु गोबिद सिंह के पावन स्थान पर सदैव की तरह दस्तारबंदी दिवस के रूप में दशहरा पर्व बड़ी श्रद्धा व उल्लास के साथ मनाया गया। सुबह से ही खुले दीवान स्थान पर दीवान सजाए गए। जिसमें चोटी के ढाड़ी गुरतेज सिंह चमिडा, बीबी राजवंत कौर ढाड़ी जथा, सुच्चा सिंह, कवीशरी जथा, ज्ञानी शेर सिंह, ज्ञानी हरबंस सिंह कथा वाचक आदि ने सिख इतिहास पर अपनी रचाएं प्रस्तुत की। शुक्रवार के समागम पर बधाई संदेश देते हुए हरपाल सिंह मच्छौंडा मेंबर एसजीपीसी ने बताया कि दशहरे के पर्व पर श्री गुरु गोबिन्द सिंह बाल अवस्था में पटना साहिब से श्री आनन्दपुर साहिब जाते हुए अंबाला लखनौर साहिब, मामा कृपाल चंद, माता गुजरी के संग नन्हियाल छह साल की अवस्था में रुके थे। आज के दिन बालक गोबिन्द राय की दस्तारबंदी की गई थी। आज का दिन हमें बहुत बड़ी शिक्षा देता है कि हमें बुराई त्याग कर अच्छाई का अनुसरण करना चाहिए। मुख्य महासचिव रणबीर सिंह ने कहा कि दशहरा पर्व अन्याय पर न्याय की, अधर्म पर धर्म की जीत का प्रतीक है। इस अवसर पर विशेष रूप से ज. गुरदर्शन सिंह, त्रलोचन सिंह, हाकिम सिंह बलाना गांव की ओर से गुरु के लंगर बरताए गए। केसरी गांव व कार सेवा बाबा हलिन्दर सिंह की ओर से विभिन्न लंगर करवाए गए। प्रधान मर्दाें साहिब जरनैल सिंह, सुखदेव सिंह गोबिदगढ़, अमरजीत सिंह, गुरनाम सिंह अंटाल, चरणजीत सिंह टक्कर, सुरजा सिंह प्रधान, गुरचरण सिंह तेजा, भोपाल सिंह, प्रीतम सिंह माजरी सहित भारी संख्या में लोग मौजदू रहे।

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