पोर्टल बंद होने से आवेदन करने वालों की रफ्तार धीमी

नगर परिषद (नप) अंबाला सदर की दुकानों का मालिकाना हक किरायेदारों को देने की योजना को लेकर अभी कुछ खास काम नहीं हुआ है। नप के पास अभी तक जो आवेदन आए हैं उनका सत्यापन तो हो रहा है लेकिन इभी भी कई किराएदार ऐसे हैं जिन्होंने आवेदन ही नहीं किया है। अब पोर्टल बंद है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 04 Aug 2021 06:30 AM (IST) Updated:Wed, 04 Aug 2021 06:30 AM (IST)
पोर्टल बंद होने से आवेदन करने वालों की रफ्तार धीमी
पोर्टल बंद होने से आवेदन करने वालों की रफ्तार धीमी

जागरण संवाददाता, अंबाला : नगर परिषद (नप) अंबाला सदर की दुकानों का मालिकाना हक किरायेदारों को देने की योजना को लेकर अभी कुछ खास काम नहीं हुआ है। नप के पास अभी तक जो आवेदन आए हैं उनका सत्यापन तो हो रहा है, लेकिन इभी भी कई किराएदार ऐसे हैं जिन्होंने आवेदन ही नहीं किया है। अब पोर्टल बंद है। बताया जा रहा है कि यह फिर से खुलेगा, लेकिन आवेदन करने वालों की रफ्तार काफी धीमी है। उल्लेखनीय है कि नप की 933 दुकानें अंबाला कैंट में हैं और इनमें से 397 ने ही मालिकाना हक के लिए आवेदन किया है।

मुख्यमंत्री स्वामित्व योजना के तहत नगर निकाय की किराये की दुकानों के किरायेदारों को दुकान का मालिकाना हक देने के लिए आवेदन मांगे थे। इसके लिए जुलाई में पोर्टल खोला गया था। नप के पास विभिन्न बाजारों में 933 दुकानें हैं, जिनको किराये पर दिया गया है। एक माह में नप अंबाला सदर के पास 397 लोगों ने आवेदन किया है। अभी भी करीब 536 दुकानदार आवेदन नहीं कर पाए हैं। बताया जा रहा है कि यह पोर्टल दोबारा से खोला जाएगा, जिसके बाद फिर से आवेदन मांगे जाएंगे।

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यह आ रही हैं दिक्कतें

आवेदन के बाद जब कागजातों को चेक किया गया तो सबसे ज्यादा दिक्कतें जमा करवाए गए नक्शों में आई हैं। इसे दुकानदारों ने आर्किटेक्चर से न बनवाकर खुद ही निशान लगा दिए। ऐसे में यह नक्शा मान्य नहीं होगा। कई आवेदनों में यही दिखाई दिया है, जबकि इसे सेल्फ अटेस्ट भी करना है।

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किरायानामा बदलवाने की फीस 30 हजार

नगर परिषद अंबाला सदर की कई ऐसी दुकानें हैं जिनको मूल किरायेदार ने आगे किसी दूसरे को दे दिया है। इनमें से कइयों ने बाकायदा फुल एंड फाइनल की पेमेंट लेकर कागजात हासिल किए हैं। इनका रिकार्ड नगर परिषद में अपडेट हो सकता है, लेकिन कई ऐसे हैं जिनमें मूल किरायेदार ने दुकान को आगे किराये पर दे दी, लेकिन नगर परिषद के रिकार्ड में वे ही मूल किरायेदार हैं। ऐसे में जिन्होंने मूल किरायेदार से दुकान किराये पर ली है उनके लिए दिक्कतें खड़ी होंगी। नगर परिषद के रिकार्ड में किरायानामा में नाम चढ़वाने के भी 30 हजार रुपये की फीस देनी होगी।

--------------- दुकानों का मालिकाना हक लेने के लिए कई लोगों ने आवेदन किया है। अभी भी कई ऐसे हैं जिनका आवेदन नहीं आया है। इसके लिए प्रक्रिया जारी है, जबकि पोर्टल खुलने के बाद आवेदन कर सकेंगे।

- राजेश कुमार, सचिव, नगर परिषद अंबाला सदर

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