244 पंचायतों मे ड्रोन फ्लाइंग, ट्रायल वाले गांवों में काम अधूरा

जिला प्रशासन की ओर से जहां एक ओर 244 पंचायतों को लाल डोरा मुक्त करने के लिए ड्रोन फ्लाइंग कर दिया गया है लेकिन हकीकत में जिन 11 पंचायतों को बतौर ट्रायल पहले चरण में चुना गया था उनमें भी काम पूरा नहीं हो सका है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 15 Jun 2021 07:20 AM (IST) Updated:Tue, 15 Jun 2021 07:20 AM (IST)
244 पंचायतों मे ड्रोन फ्लाइंग, ट्रायल वाले गांवों में काम अधूरा
244 पंचायतों मे ड्रोन फ्लाइंग, ट्रायल वाले गांवों में काम अधूरा

जागरण संवाददाता, अंबाला शहर : जिला प्रशासन की ओर से जहां एक ओर 244 पंचायतों को लाल डोरा मुक्त करने के लिए ड्रोन फ्लाइंग कर दिया गया है, लेकिन हकीकत में जिन 11 पंचायतों को बतौर ट्रायल पहले चरण में चुना गया था उनमें भी काम पूरा नहीं हो सका है। जबकि इस प्रकिया को लगभग डेढ़ साल होने को है। ऐसे में सवाल उठता है कि दूसरे चरण की 78 और आगे की पंचायतों को लाल डोरा मुक्त करने का काम कब सिरे लगेगा। हालांकि कोरोना के कारण काम जरूर प्रभावित हुआ है।

बता दें कि जिला में 455 गांव हैं, जिनमें जिला प्रशासन की ओर से 244 गांवों में ड्रोन फ्लाइंग का काम पूरा कर लिया गया है। यहां तक कि सर्वे आफ इंडिया के तहत पहले ड्रोन फ्लाइंग के काम में दो टीमें लगी हुई थी और अब एक तीसरी टीम भी लगा दी गई है। प्रशासन का दावा है कि यदि सर्वे आफ इंडिया की ओर से टीमों की संख्या एवं बैटरियों की संख्या को बढ़ाया जा रहा है।

--------- -टीम में इनकी होती है भूमिका

मैपिग के आधार पर प्रॉपर्टी का मालिकाना हक देने, आपत्तियां दर्ज करने के लिए प्रशासन की ओर से टीम का गठन किया जाता है। जिसमें गांव के सरपंच, ग्राम सचिव, नंबरदार, पटवारी, कानूनगो, भूतपूर्व सैनिक को कमेटी में शामिल किया जाता है। कमेटी मैपिग के आधार पर पहचान करती कि इस घर का मालिकाना हक किसे दिया जाए। उस जमीन का रिकार्ड तैयार करती है।

------------ -गांवों में सर्वे इंडिया की ओर से किया जा रहा सर्वे

स्वामित्व स्कीम के अंतर्गत गांवों को लाल डोरा मुक्त किया जा रहा है। गांवों के लोगों को लाल डोरे में आने वाली जमीन का मालिकाना हक मिल जाएगा। सर्वे आफ इंडिया की ओर से ड्रोन से मैपिग की जाती है। इसमें रोजाना चार-पांच गांवों में प्रकिया चल रही थी। इसमें सबसे पहले डीआरओ की ओर से शेड्यूल बनाए जाते हैं। पहला शेड्यूल बीते साल नवंबर में हुआ था और दूसरा दिसंबर में शेड्यूल आया था। डीआरओ की ओर से डिमार्केशन करवायी जाती है। ब्लाक स्तर पर चूना मार्किंग करवायी जाती है और सर्वे ऑफ इंडिया की ओर से ड्रोन फ्लाइंग करवाई जाती है। सर्वे आफ इंडिया ही मैप बनवाते हैं। इसके बाद ब्लाक स्तर पर वेरिफिकेशन होती है। जिसमें गलती होने पर दोबारा भेजा जाता है। गांव में ग्राम सभा होती है। कोई आपत्ति हो तो 30 दिन दिए जाते हैं और बाद में यह फाइनल होता है।

------ -ये गांव पहले हो चुके हैं लाल डोरा मुक्त

बाबाहेड़ी, बाड़ा, भीलपुरा, धुराली, कपूरी, मिर्जापुर, पिलखनी, रतनहेड़ी, सपेड़ा, उगाड़ा, रवालौ। -------------- -इन गांवों में इतनी हुई रजिस्ट्रियां

गांव बाड़ा

-गांव बाड़ा में कुल 677 रजिस्ट्रियां थी, जिनमें से 200 रजिस्ट्रियां हुई हैं। गांव के सरपंच विकास बहगल ने बताया कि जिनकी ठीक थी उनकी रजिस्ट्री करवा दी हैं। जिनकी आपत्ति थी उस पर अभी काम चल रहा है। जिसे जल्द ही निपटाने पर लगे हुए हैं। -- गांव बाबाहेड़ी

गांव बाबाहेड़ी में कुल 212 रजिस्ट्रियां थी। जिसमें से लगभग 110 रजिस्ट्रियां हो चुकी हैं। गांव के सरपंच प्रतिनिधि गौरव शर्मा ने बताया कि जिनकी रजिस्ट्री नहीं हुई उनका नक्शा पास हो गया है, लेकिन नंबर को लेकर अभी गलती है। इसमें अधिकारियों से बात की गई है। अभी इस पर काम चल रहा है। -------

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