मानेसर हेल्थ रिजोर्ट के डायरेक्टर ने साहेम डिजाइनर्स कंपनी को लगाया सात लाख का चूना

जागरण संवाददाता, अंबाला : गुरुग्राम के मानेसर स्थित सुरजीवन हेल्थ रिजोर्ट प्रा. लि. के डायरेक्ट

By JagranEdited By: Publish:Mon, 24 Sep 2018 01:32 AM (IST) Updated:Mon, 24 Sep 2018 01:32 AM (IST)
मानेसर हेल्थ रिजोर्ट के डायरेक्टर ने साहेम डिजाइनर्स कंपनी को लगाया सात लाख का चूना
मानेसर हेल्थ रिजोर्ट के डायरेक्टर ने साहेम डिजाइनर्स कंपनी को लगाया सात लाख का चूना

जागरण संवाददाता, अंबाला : गुरुग्राम के मानेसर स्थित सुरजीवन हेल्थ रिजोर्ट प्रा. लि. के डायरेक्टर डीके श्रीवास्तव ने अपने मैनेजर सहित मिलकर अंबाला छावनी की साहेम डिजाइनर्स प्राइवेट लिमिटेड कंपनी संचालक हेमंत मेहता को करीब सात लाख रुपये का चूना लगा दिया। इस मामले में शिकायत के आधार पर सीआइए-2 ने जांच की। आरोपित पक्ष को कई बार जांच में शामिल होने के लिए बुलाया गया लेकिन वह एक बार भी जांच में शामिल नहीं हुआ। जांच टीम उसे गुरुग्राम मिलने पहुंची तो वह पहले ही गायब हो गया। ऐसे में अब जांच पूरी होते ही सीआइए-2 द्वारा की गई सिफारिश के बाद छावनी के पड़ाव थाने में डीके श्रीवास्तव व उसके रिजोर्ट मैनेजर अनिल वर्मा के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है।

हुआ यूं कि जिलेट इंडिया लिमिटेड ने फरवरी 2018 में एक कार्यक्रम आयोजित करना था। इसके लिए उन्होंने मानेसर के सुरजीवन हेल्थ रिजोर्ट बुक किया जिसका कुल खर्च करीब 16 लाख रुपये बताया गया। कंपनी ने सीधे तौर पर रिजोर्ट संचालकों को पेमेंट देने से इंकार करते हुए कंपनी के आल इंडिया वेंडर के तहत खर्च देने की बात कही। छावनी से साहेम डिलाइनर्स प्राइवेट लिमिटेड निदेशक हेमंत मेहता ने रिजोर्ट संचालक व मैनेजर से बात करके बताई गई शर्त मुताबिक कार्यक्रम से पहले 8 लाख रुपये उनके अकाउंट में ट्रांसफर कर दिए। बाकि 8 लाख रुपये भी उन्होंने कार्यक्रम के अगले दिन ट्रांसफर कर दिए लेकिन उसके बाद जिलेट कंपनी ने उन्हें पेमेंट रोकने के लिए कहा। कंपनी ने बताया कि दी गई शर्त मुताबिक रिजोर्ट में उन्हें न तो बढि़या खाना मिल पाया और न ही उन्हें कोई बढि़या सुविधा दी गई। ऐसे में रिजोर्ट संचालकों को दिया गया चेक बैंक में लगने के बाद अंबाला से उसकी पेमेंट बैंक से स्टॉप करवा दी गई।

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डायरेक्टर व मैनेजर कैश लेकर भी मुकरे

इसके बाद रिजोर्ट संचालकों ने कंपनी में बात की। ऐसे में जिलेट कंपनी अधिकारी के कहने पर रिजोर्ट मैनेजर अंबाला आया और 7.5 लाख रुपये कैश लेकर चला गया। लेकिन एक महीने बाद ही डायरेक्टर डीके श्रीवास्तव का फोन आया कि अभी तक उन्हें रोकी गई पेमेंट नहीं मिली है। इधर, हेमंत मेहता ने बताया कि वह तो मैनेजर को पेमेंट दे चुके हैं। इसके बाद दोनों पक्ष आमने-सामने बुलाए गए तो वह रुपये लेने की बात से ही मुकर गए। ऐसे में डायरेक्टर ने जिद की और हेमंत मेहता से 3.5 लाख के दो चेक ले लिए। साथ ही उन्हें कहा कि एक महीने तक वह इंतजार करे और उसके बाद ही चेक बैंक में लगाए। लेकिन उसने पहले ही 7.5 लाख रुपये लेकर मुकरने के बाद अब यह दोनों चेक भी बैंक में लगा दिए।

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जांच में नहीं हुए शामिल

ऐसे में हेमंत मेहता ने इस बारे में एसपी को लिखित शिकायत दी और मामले की जांच का जिम्मा सीआइए-2 को सौंपा गया। जांच अधिकारी ने रिजोर्ट के डायरेक्टर डीके श्रीवास्तव व मैनेजर अनिल वर्मा को नोटिस देकर जांच में शामिल होने के लिए कहा। डायरेक्टर पहले एक बार तो मिलने के लिए आया लेकिन उसके बाद दोनों में से कोई भी जांच में शामिल नहीं हुआ। ऐसे में जांच पूरी हो गई और सीआइए-2 ने सिफारिश कर दोनों के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज करवा दिया।

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