दुर्गाष्टमी पर कंजक पूजन कर श्रद्धालुओं ने की महागौरी की पूजा

नवरात्र के अंतिम दिन दुर्गा अष्टमी पर मंदिर से लेकर घर घर कंजक पूजन किया गया। पूजन के साथ कंजकों को स्वादिष्ट पकवान का भोजन कराकर लोगों ने आर्शीवाद लिया। ऐसी मान्यता है कि कंजक पूजन करके मां दुर्गा की पूजा कर ली।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 21 Apr 2021 06:18 AM (IST) Updated:Wed, 21 Apr 2021 06:18 AM (IST)
दुर्गाष्टमी पर कंजक पूजन कर श्रद्धालुओं ने की महागौरी की पूजा
दुर्गाष्टमी पर कंजक पूजन कर श्रद्धालुओं ने की महागौरी की पूजा

जागरण संवाददाता, अंबाला : नवरात्र के अंतिम दिन दुर्गा अष्टमी पर मंदिर से लेकर घर घर कंजक पूजन किया गया। पूजन के साथ कंजकों को स्वादिष्ट पकवान का भोजन कराकर लोगों ने आर्शीवाद लिया। ऐसी मान्यता है कि कंजक पूजन करके मां दुर्गा की पूजा कर ली। छावनी में श्री सनातन धर्म मंदिर हिल रोड, कालीबाड़ी मंदिर, शहर के मां वैष्णो माता मंदिर, अंबिका मंदिर के अलावा घर घर में विधि विधान से कंजक पूजन किया गया। हलवा पूडी के अलावा तरह तरह के व्यंजन कंजकों की थाली में परोसे गए। भोजन कराने के बाद श्रद्धालुओं ने कंजकों के आस्था के अनुसार रुपये और उपहार देकर पैर छुए।

अष्टम स्वरूप महागौरी की पूजा-अर्चना के लिए 10 वर्ष से कम आयु की कन्याओं को अपने घर पर बुलाकर भोजन कराने और उनका आशीर्वाद लेने की परंपरा सदियों से है। कोरोना काल में दुर्गा अष्टमी के अवसर पर मां दुर्गा के अष्टम स्वरूप महागौरी की कंजक पूजन कर पूजा-अर्चना का स्वरूप बदला नजर नजर आया। कोरोना काल से पहले घर घर में नौ कन्याओं को बुलाकर भोजन कराया जाता था। इस बार श्रद्धालु कंजकों के घर पर जाकर भोजन के रूप में पकवान और सामान के साथ उपहार दिए। नवरात्र की अष्टमी पर मंदिरों के साथ आसपास छोटे छोटे भंडारे भी कराए गए। अंबाला शहर में वीरेश शांडिल्य ने परिवार के साथ नवरात्र पर कंजक पूजन कर आशीर्वाद लिया। कहा कि कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए सावधानी बहुत जरूरी है। कंजकों को भोजन कराने के साथ उपहार देकर आशीर्वाद लिया।

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पूजा के दौरान कंजकों ने लगाए रखा मास्क

दुर्गाष्टमी के अवसर पर मां दुर्गा के अष्टम स्वरूप महागौरी की पूजन के लिए तैयार कंजकों ने कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए मास्क लगाए रखा। कंजकों ने पकवान खाने के लिए ही मास्क उतारा वह भी थोड़ी देरी के लिए। कंजक पूजन के दौरान सैनिटाइजर भी व्यवस्था रही। श्रद्धालुओं ने कंजकों के पूजन से पहले स्वयं के साथ उनके भी हाथ को सैनिटाइज कराया।

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