डीजीपी के आदेश बावजूद एसपी कार्यालय में दबी रही फाइल, 2.10 करोड़ ठगी की जांच करेगी कुरुक्षेत्र पुलिस
-कनाडा में पीआर के नाम पर वकील से ठगी का मामला पहुंचा था डीजीपी दरबार डीजीपी के आदेश के बावजूद फाइल एसपी आफिस में दबी रही। अब इस मामले की जांच कुरुक्षेत्र पुलिस करेगी।
-कनाडा में पीआर के नाम पर वकील से ठगी का मामला पहुंचा था डीजीपी दरबार
-मुकदमा दर्ज न होने पर डीएसपी को आइजी ने किया था तलब, बाद में हुआ था केस दर्ज
जागरण संवाददाता, अंबाला शहर : प्रदेश के डीजीपी मनोज यादव ने 2.10 करोड़ ठगी के मामले में मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए लेकिन एसपी कार्यालय में फाइल दबी रही। अंबाला रेंज की आइजी भारती
अरोड़ा ने भी एफआइआर दर्ज न होने पर दखल दिया, इसके बावजूद केस दर्ज करने में देरी हुई। यह मामला इस कदर हाई प्रोफाइल बन गया कि एफआइआर दर्ज करने में अधिकारियों के अलग-अलग तर्क रहे। आइजी ने डीएसपी को अपने कार्यालय तलब किया और केस दर्ज न होने के कारण जाने। बाद में आनन-फानन में पुलिस ने तो मामला दर्ज कर दिया। आइजी ने फाइल पर लिख दिया कि मामले की जांच कुरुक्षेत्र पुलिस करेगी। ऐसे में अंबाला पुलिस की कार्यप्रणाली संदेह के घेरे में आ गई। डीजीपी ने सात जुलाई को केस दर्ज करने के आदेश दिए, शहर की कोतवाली थाने में केस 28 जुलाई को दर्ज हुआ। बहुचर्चित इस मामले के आरोपितों के खिलाफ पहले पंचकूला और पंजाब के खरड़ में भी मुकदमे दर्ज हैं। अब शहर कोतवाली पुलिस ने शिकायतकर्ता वकील सिकदर सिंह के बयान दर्ज कर आरोपित अनिल कुमार भल्ला उर्फ काका, उनके बेटे आकाश भल्ला व आकाश भल्ला की पत्नी भावना भल्ला के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज किया है।
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इस तरह से डीजीपी के संज्ञान में आया मामला
शिकायतकर्ता वकील सिकदर सिंह ने बताया कि उसके साथ 2.10 करोड़ की ठगी होने के बाद उसने इसकी शिकायत हरियाणा पुलिस के डीजीपी मनोज यादव को 6-7 जुलाई को लिखित में दी। उन्हें सारा मामला बताने के बाद उन्होंने इस फाइल को अंबाला रेंज की आइजी भारती अरोड़ा को मार्क कर दिया। आइजी के पास फाइल पहुंचने के बाद उनके रीडर की तरफ से वकील के पास काल गई। इसके बाद 14 जुलाई को वकील सिकदर ने आईजी को मिलकर सारी बात बताई थी। उसके बाद आरोपितों के खिलाफ केस दर्ज किया गया।
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इस तरह से की ठगी
वकील सिकंदर सिंह के मुताबिक वह साल 2012 से आरोपित अनिल भल्ला व आकाश भल्ला व आकाश की पत्नी भावना भल्ला को जानता था। अनिल व आकाश ने उसे अंबाला व यमुनानगर में इमिग्रेशन का काम करने वाले राजेश व कनाडा में रहने वाले उसके साले जयंत से मिलवाया था। भल्ला ने बताया था कि वे उनके साथ अंदर खाते साझीदार हैं जो कि लोगों को विदेश भेजने का काम करते हैं। भल्ला परिवार को उसकी कनाडा में बसने की रुचि व वित्तीय क्षमता बारे पता था। सिकदर के मुताबिक उसने 29 अगस्त 2018 को 90 लाख आरटीजीएस से ट्रांसफर किए और 10 लाख भावना भल्ला को नकद दिए। इसके बाद आरोपित उसे अपने साथ कनाडा ले गए थे। इसके बाद आरोपितों ने उसे वहां का घर, वर्क प्लेस दिखाया। इसके बाद उसने शेष राशि आरटीजीएस व नकद आदि माध्यम से दे दी।