सस्ते ट्रैक्टर का लालच दे फंसाया किसान, ठगे सवा 3 लाख

नन्यौला के किसान के साथ ट्रैक्टर खरीदने के नाम पर ठगी हो गई। किसान ट्रैक्टर मिलने की उम्मीद में पे फोन पर पैसे डालता रहा। क्योंकि शातिरों ने खुद को आर्मी में होने का भरोसा दिलाया। जहां लाखों रुपये ठग कर फोन बंद कर दिए। पुलिस ने शिकायत पर आरोपित के विरुद्ध धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर लिया है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 02 Dec 2021 08:53 PM (IST) Updated:Thu, 02 Dec 2021 08:53 PM (IST)
सस्ते ट्रैक्टर का लालच दे फंसाया किसान, ठगे सवा 3 लाख
सस्ते ट्रैक्टर का लालच दे फंसाया किसान, ठगे सवा 3 लाख

जागरण संवाददाता, अंबाला शहर : नन्यौला के किसान के साथ ट्रैक्टर खरीदने के नाम पर ठगी हो गई। किसान ट्रैक्टर मिलने की उम्मीद में पे फोन पर पैसे डालता रहा। क्योंकि शातिरों ने खुद को आर्मी में होने का भरोसा दिलाया। जहां लाखों रुपये ठग कर फोन बंद कर दिए। पुलिस ने शिकायत पर आरोपित के विरुद्ध धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर लिया है।

शातिर ठग ने नन्यौला के किसान परमजीत सिंह को सस्ते ट्रैक्टर देने का लालच दिया। किसान भी सस्ता ट्रैक्टर मिलने के झांसे में फंस गया। किसान ने नेट पर ट्रैक्टर बेचने की जानकारी देखकर उक्त मोबाइल नंबर पर बात की थी। आरोपित ने झांसा दिया कि वह आर्मी में है। इस कारण विश्वास कर लिया और ट्रैक्टर को लेकर उनका 3 लाख 42 हजार रुपये में उनका सौदा हो गया। शातिर ने विश्वास जताने के लिए उन्हें सारे पेपर जिनमें आधार कार्ड, पैन कार्ड, कैन्टीन कार्ड भेज दिये। इसके बाद मोबाइल पर ट्रैक्ट्रर की और इंडियन आर्मी की रशीद भेज दी। इसके बाद उन्हें पूरा विश्वास हो गया। इसके बाद इंडियन आर्मी पार्सल वाली गाड़ी के ड्राई के फोन से काल आने लगी। जिसमें बताया कि आर्मी पार्सल की रशीद के मुताबिक पैसे डालो।खुद को फौजी बताने वाले ने कहा उसके मुताबिक पैसे डाले। जिसके बाद पैसे पे फोन में डलवाते रहे। फौजी ने अपना नाम वरिन्द्र सिंह निवासी गदनपुर तुर्रा फरूखाबाद उतर प्रदेश बताया। जब उन्हें ठगी का आभास हुआ तो आरोपित कहने लगा कि वह फौज में है। क्या आर्मी पर भरोसा नहीं। उसकी नौकरी का सवाल है। विश्वास होने पर आरोपित कहने लगा जोहनडियर ट्रैक्टर भेज रहा है। इसके बाद दोनों मोबाइल नंबर बंद आ रहे हैं। शिकायतकर्ता ने बताया कि आरोपित ने उनके पास से 3 लाख 25 हजार रुपये की ठगी कर ली है। शिकायतकर्ता ने बताया कि उन्होंने जुलाई में शिकायत दे दी थी और पुलिस के साइबर सेल तभी से जांच में जुटा हुआ था।

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