कोविड ने राजनीतिक और सामाजिक संस्थाओं को नुकसान पहुंचाया

प्रो. जितेंद्र ने कहा कि कोविड 19 ने विश्व भर की राजनीतिक सामाजिक और आर्थिक संस्थाओं को काफी नुकसान पहुंचाया है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 27 Feb 2021 07:08 AM (IST) Updated:Sat, 27 Feb 2021 07:08 AM (IST)
कोविड ने राजनीतिक और सामाजिक संस्थाओं को नुकसान पहुंचाया
कोविड ने राजनीतिक और सामाजिक संस्थाओं को नुकसान पहुंचाया

जागरण संवाददाता, अंबाला : गांधी मेमोरियल नेशनल कालेज (जीएमएन) में वनस्पति तथा जीव विज्ञान विभाग द्वारा ऑनलाइन राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इसका विषय सांइस फार पीस एंड डेवलपमेंट रहा। इसकी अध्यक्षता कालेज के प्राचार्य डा. राजपाल सिंह ने की। यह संगोष्ठी इंडियन साइंस कांग्रेस रोहतक चैप्टर के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित की गई।

संगोष्ठी के मुख्य अतिथि प्रोफेसर एसपी खटकड़ एमिरेट्स साइंटिस्ट केमिस्ट्री विभाग महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय रोहतक तथा कार्यक्रम के मुख्य वक्ताओं के तौर पर प्रोफेसर जितेंद्र शर्मा, चेयरमैन बायो टेक्नोलॉजी विभाग कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय कुरुक्षेत्र एवं डा. अवनी युवा विज्ञानी नेशनल फिजिकल लैबोरेट्री सीएसआइआर नई दिल्ली उपस्थित रहे। मंच संचालन कार्यक्रम के आयोजन सचिव डा. शिखा जग्गी ने किया। वेबिनार के समन्वयक डा. कुलदीप यादव रहे।

प्रो. जितेंद्र ने कहा कि कोविड 19 ने विश्व भर की राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक संस्थाओं को काफी नुकसान पहुंचाया है। इसका असर जीवन के हर स्तर पर दिखाई दे रहा है। मुख्य अतिथि डा. एसपी खटकड़ ने कहा कि हमें विद्यार्थियों को विज्ञान के प्रति उनके रुझान को लेकर सजग रहना चाहिए और विज्ञान के प्रमोशन को लेकर कार्य करना चाहिए ताकि अपने जीवन में अधिक से अधिक वह विज्ञान के उत्तम रूप को ग्रहण कर सकें।

स्वामी विवेकानंद विश्व भर के लिए अनुकरणीय : डा. राजपाल

जीएमएन कालेज के प्राचार्य डा. राजपाल सिंह ने कहा कि स्वामी विवेकानंद चरित्र केवल भारत ही नहीं अपितु विदेशी धरती पर भी पूजनीय है। वे कालेज के हिदी, इतिहास एवं एनएसएस यूनिट द्वारा स्वामी विवेकानंद दृष्टि एवं मान्यताएं विषय पर आयोजित परिचर्चा में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि स्वामी विवेकानंद का साहित्य कालजई साहित्य है जिसमें प्रत्येक अनुसंधानकर्ता को चाहे वह किसी भी क्षेत्र का क्यों न हो, उनका संबंधित साहित्य अवश्य अनुगमन एवं अनुकरण करना चाहिए। इस मौके पर इतिहास विभागाध्यक्ष डा. धर्मवीर सैनी, हिदी विभागाध्यक्ष डा. रितु गुप्ता आदि मौजूद रहे।

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