मनमर्जी से मकानों का बदला ढांचा, ग्रीन बेल्ट की ओर बनायी दुकानें
अंबाला शहर के सेक्टर नौ स्थित हाउसिग बोर्ड कालोनी में मनमर्जी की जा रही है। लोगों ने खुद ही अपने मकानों का ढांचा बदल दिया।
जागरण संवाददाता, अंबाला शहर: अंबाला शहर के सेक्टर नौ स्थित हाउसिग बोर्ड कालोनी में मनमर्जी की जा रही है। लोगों ने खुद ही अपने मकानों का ढांचा बदल दिया। इसके लिए न तो विभाग की अनुमति ली गई और न ही कोई नक्शा पास करवाया गया। मकान मालिकों ने अपने मकानों की दुकानें बना ली। सेक्टर नौ स्थित हाउसिग बोर्ड कालोनी में लोगों को 33-33 गज के प्लाट का आंवटन किया गया था। जिसमें लोगों ने अपने मकान बना लिए थे। हाउसिग बोर्ड के नियमों के मुताबिक उन मकानों में यदि कोई बदलाव भी करना होता है तो इसके लिए हाउसिग बोर्ड से अनुमति लेनी पड़ती है। लेकिन यहां अनुमति लेना दूर विभाग को सूचित तक नहीं किया गया। यहां तक मकानों को दुकानों में ही तबदील कर दिया गया। जबकि नियमों की बात करें तो आवासीय क्षेत्र को कमर्शियल में तबदील नहीं किया जा सकता। -एफिडेविट के बाद भी नहीं माने तो एचएसवीपी ने दिया नोटिस हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (एचएसवीपी) की ओर से मामले में 2008 में कार्रवाई की गई थी। इस कार्रवाई से बचने के लिए लोगों ने एचएसवीपी को एफिडेविट दिए थे। जिसमें साफ-साफ कहा गया था कि यदि वह अतिक्रमण करते हैं तो उनके मकानों को जब्त कर लिया जाए। इसके बाद विभाग ने कार्रवाई बंद कर दी थी। लेकिन यह सिलसिला जारी रहा। इसके बाद अब एचएसवीपी ने 27 लोगों को नोटिस दे दिये हैं। हाउसिग बोर्ड की ओर से प्लाटों का आवंटन कर दिया गया था। इसके बाद एचएसवीपी की ओर से वाटर लाइन, सीवरेज लाइन और स्ट्रीट लाइट की व्यवस्था की थी। -कर्मशियिल बनाने पर कीमतों में बढ़ोतरी
भले ही मकानों का स्वरूप बदल दुकानें बना दी गई हैं। लेकिन स्वरूप बदलने वाले एचएसवीपी के नियम से अच्छी तरह से वाकिफ हैं। मामले में एचएसवीपी कभी भी दुकानों को मकान बना सकता है। इस कारण इनमें से कुछ लोग अपनी दुकानों की 60 से 70 लाख रुपये की डिमांड करते हैं ताकि इस जेब भी अच्छी खासी भर जाए और सदा के लिए इस समस्या से भी बच जाए।