रेलवे स्टेशन पर शारीरिक दूरी के टूटे नियम
दीपावली और छठ पूजा पर घर जाने के लिए यात्रियों को कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है। आलम यह है कि ट्रेन के डिब्बे खचाखच भरे होने के कारण यात्री शौचालय में यात्रा करने को मजबूर हैं। ट्रेन चल जाने के बाद भी दरवाजे पर लटके यात्री नजर आए और कुछ ट्रेनों में तो डिब्बे बंद रहे और यात्री प्लेटफार्म से ट्रेन में सवार होने को तरसते रहे।
जागरण संवाददाता, अंबाला : दीपावली और छठ पूजा पर घर जाने के लिए यात्रियों को कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है। आलम यह है कि ट्रेन के डिब्बे खचाखच भरे होने के कारण यात्री शौचालय में यात्रा करने को मजबूर हैं। ट्रेन चल जाने के बाद भी दरवाजे पर लटके यात्री नजर आए और कुछ ट्रेनों में तो डिब्बे बंद रहे और यात्री प्लेटफार्म से ट्रेन में सवार होने को तरसते रहे। राजकीय रेलवे पुलिस (जीआरपी) और रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) बंद डिब्बों को खुलवाते नजर नहीं आई। यह आलम अंबाला छावनी के रेलवे स्टेशन का था। कोरोना को लेकर जारी की गई गाइडलाइन में सबसे अहम शारीरिक दूरी है, लेकिन इसका पालन भी ट्रेन और प्लेटफार्म पर नजर नहीं आया। यात्री किसी तरह अपने गंतव्य तक पहुंचने के लिए डिब्बे की सीढ़ी पर यात्रा करते दिखाई दिए। ट्रेन के जाने के बाद भी बहुत से यात्री प्लेटफार्म पर ही रह गए, जो दूसरी ट्रेन का इंतजार कर रहे हैं।
बुधवार को अंबाला कैंट रेलवे स्टेशन पर कटरा से कामख्या जाने वाली ट्रेन में यात्रियों के बैठने की सीट तक नहीं मिली। आलम यह रहा है कि ट्रेन के शौचालय में जाकर यात्री बैठ गए। एक ही शौचालय में दो लोग बैठे रहे। इसी ट्रेन के डिब्बों में इतनी यात्री थे कि खड़े होने की जगह भी कम पड़ गई। यात्री ट्रेन के दरवाजे पर लटकते दिखाई दिए। कई यात्रियों ने बताया कि इस ट्रेन के कुछ डिब्बों के दरवाजे तक नहीं खोले गए। इसके बाद दोपहर में ही आम्रपाली एक्सप्रेस ट्रेन आई, जिसके बाद यात्रियों में इस ट्रेन में सवार होने की होड़ मच गई। ट्रेन के साथ ही यात्री सामान लेकर दौड़ते रहे। ट्रेन रुकते ही बोगी के डिब्बे पर यात्रियों की भीड़ लग गई। कई यात्रियों को तो कुलियों ने आपातकालीन खिड़की से ट्रेन के भीतर पहुंचाया। लोगों ने बताया कि ट्रेन में जगह नहीं है, जबकि अब दूसरी ट्रेन का इंतजार करना पड़ेगा।