पिता-पुत्र को राहत, दुकानदारों ने कोर्ट में पेश किए शपथपत्र
बराड़ा में रातों रात दुकानों को गिराने के मामले में हरदीप सिंह जग्गी को राहत मिल गई है।
संवाद सहयोगी, बराड़ा
बराड़ा में रातों रात दुकानों को गिराने के मामले में हरदीप सिंह जग्गी और उनके पुत्र सरबजोत सिंह जग्गी को अदालत से बड़ी राहत मिली है। दोनों को अब पुलिस की जांच में शामिल तफ्तीश होना पड़ेगा। एंटिसिपेट्री बेल मिल जाने के कारण अब पुलिस गिरफ्तार नहीं कर सकेगी। पूछताछ के बाद पुलिस रिपोर्ट अदालत में पेश करेगी, जिसके बाद स्थायी जमानत का फैसला कोर्ट पर टिका है। मामले की सुनवाई अब 25 जून को होनी है। इस मामले में दुकानदारों ने ही शपथ पत्र अदालत में जमा करवा दिए हैं, जिसके चलते राहत मिली है। उधर, इस मामले में मोनू राणा की गिरफ्तारी के लिए पुलिस की छापामारी अभी भी जारी है। बता दें कि बराड़ा में किराये की दुकानें खाली न होने पर जेसीबी मशीन के मदद से रातों रात गिरा दी गई थीं। मामला प्रदेश के गृह मंत्री अनिल विज के दरबार पहुंचा, जिसके बाद हरकत में आई पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी थी। आरोप लगाया गया था कि गैंगस्टर मोनू राणा ने दुकानें खाली करने का दबाव बनाया, जिसके बाद उनको गिरा दिया गया। इस मामले में दुकानदारों का कहना था कि जमीन को हरदीप सिंह जग्गी ने खरीदा है। इसलिए खाली करवाने के लिए दबाव बनाया जा रहा है। उधर, हरदीप सिंह के बेटे सरबजोत सिंह जग्गी ने कहा था कि जमीन उन्होंने नहीं खरीदी और न ही कोई बयाना उनके नाम से है। मुकदमा दर्ज होने के बाद पिता पुत्र ने अदालत में जमानत याचिका दायर की थी। उधर, दुकानदार भी अदालत पहुंच गए हैं, जहां उन्होंने समझौते की बात की।