ऑटो के पहिये के नीचें रौंदे जा रहे आदेश, दो से अधिक बिठाई जा रही सवारियां

जागरण संवाददाता अंबाला शहर कोरोना की बढ़ती रफ्तार के चलते महामारी अलर्ट-सुरक्षित हि

By JagranEdited By: Publish:Fri, 14 May 2021 07:28 AM (IST) Updated:Fri, 14 May 2021 07:28 AM (IST)
ऑटो के पहिये के नीचें रौंदे जा रहे आदेश, दो से अधिक बिठाई जा रही सवारियां
ऑटो के पहिये के नीचें रौंदे जा रहे आदेश, दो से अधिक बिठाई जा रही सवारियां

जागरण संवाददाता, अंबाला शहर : कोरोना की बढ़ती रफ्तार के चलते महामारी अलर्ट-सुरक्षित हरियाणा के तहत जारी गाइडलाइन के मुताबिक ऑटो चालकों को सवारियां ले जाने की छूट है। शारीरिक दूरी को देखते हुए ऑटो में दो ही सवारियां ले जा सकते हैं। अगर इससे अधिक सवारी बिठाने पर कार्रवाई करने के आदेश हैं। वीरवार को दैनिक जागरण टीम ने ट्विन सिटी के हालातों का जायजा लिया तो चौतरफ यह आदेश ऑटो के पहिये के नीचे रौंदे हुए दिखे। नाके से भरी जा रही सवारियां

अग्रसेन चौक : इस चौक पर सिटी बस अड्डे के तरफ जाने वाले रास्ते पर पुलिस नाकेबंदी कर बिना मास्क वालों के चालान किए जा रहे थे। वहीं दूसरी तरह इसी चौक पर बने पुलिस ट्रैफिक बूथ के अंदर कुछ कर्मचारी अंदर बैठे थे जो एक दूसरे के करीब काफी नजदीक थे और मुंह पर मास्क भी नहीं था। इतना ही नहीं बूथ के पास ही पुलिस ने नाकेबंदी की हुई है। यहीं पर ही ऑटो चालक दो सवारियों से अधिक सवारियां लेकर जाते रहे। मगर पुलिस ने उन्हें रोकना तो दूर बाहर निकल कर भी नहीं देखा। मुंह पर मास्क भी नहीं था

अग्रसेन चौक पर ही गुलाटी अस्पताल के ठीक सामने ऑटो चालकों का जमावड़ा रहता है। वीरवार को भी यहां आम दिनों की तरह ही था। यहां करीब एक दर्जन ऑटो खड़े थे जिनके अंदर उनके चालक थे। कई चालक दूसरे साथी के ऑटो में बैठे थे। मगर मास्क एक ने भी नहीं लगा रखा था। यही लापरवाही दूसरे लोगों के लिए खतरनाक हो सकता है। इन ऑटो की संख्या तो बढ़ रही है साथ ही इनकी खूब मनमर्जी भी चल रही है। ऐसे में जहां सवारी दिखी वहीं ब्रेक लग रही जो हादसे का कारण भी बन रही है। वहीं कोविड-19 के आदेशों की भी धज्जियां उड़ाई जा रही है। चालक निर्धारित से ज्यादा ऑटो में सवारियां लेकर जा रहे हैं। कई ऐसे जिनके पास दस्तावेज तक नहीं

बता दें ट्विन सिटी में बेलगाम हो रहे ऑटो की संख्या लगातार बढ़ रही है। कई ऑटो चालक ऐसे हैं जिनके पास दस्तावेज तक नहीं होते, जिनपर कोई रोकटोक नहीं है तो कई ऐसे ऑटो जो कंडम हालत में है मगर फिर भी उन्हें सड़कों पर दौड़ाया जा रहा है। कंडम ऑटो से निकलने वाले धुएं से पर्यावरण को काफी नुकसान हो रहा है। इसकी रोकथाम के लिए शासन ने वाहनों के प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों की जांच करने के प्रावधान है।

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