ठंड आते ही रजाई-गद्दे से लेकर कंबल तक की बढ़ी मांग
मौसम में धीरे धीरे बदलाव दिखने लगा है। सुबह और शाम के समय ठंड का अहसास होने लगा है। रविवार को सुबह से मौसम में अचानक बदलाव से लोग घरों के बाहर खुली धूप में सुखाते नजर आए।
जागरण संवाददाता, अंबाला : मौसम में धीरे धीरे बदलाव दिखने लगा है। सुबह और शाम के समय ठंड का अहसास होने लगा है। रविवार को सुबह से मौसम में अचानक बदलाव से लोग घरों के बाहर खुली धूप में सुखाते नजर आए। बाजारों में रजाई और कंबल की दुकानों पर ग्राहक पहुंचने लगे हैं। रजाई की नए सिरे से भराई का भी काम चल पड़ा है। बाजार में रजाई और गद्दे तैयार करने वाली फैक्ट्रियों में कारीगर दिन-रात काम में जुट चुके हैं। लोगों ने ठंडक की दस्तक को देखते हुए पुरानी रजाई की दोबारा भराई, तगाई के अलावा गरम चादरें खरीदना शुरू कर दिया है। रुई के दाम भी इस बार बढ़ गए हैं। जो रूई पिछले ठंड में 100 रुपये किलोग्राम के दाम से बिकी थी वह इस बार 120 रुपये के भाव से बाजार में बिक रही है।
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फाइवर रूई की बढ़ी डिमांड
इस बार ठंड दूर भगाने के लिए पहले से रजाई और गद्दे बनवाने में लगे लोग फाइवर वाली रूई की मांग कर रहे हैं। यह रूई 120 थी, लेकिन इस बार लाकडाउन के बाद से इसके दाम में इजाफा हुआ है और वह 140 रुपये किलो के भाव से बिक रही है।
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बाजार में जयपुरी कंबल
छावनी के बाजार में अभी से जयपुरी रजाई आ चुकी है। आकर्षक डिजाइनों में रजाई बाजार में हैं। बच्चों की पंसद वाले कार्टून से लेकर अलग-अलग डिजाइन की रजाइयां भी बाजार में आई हैं। लोगों की डिमांड को देखते हुए दुकान अपने अपने स्टाक से नई नई डिजाइन के कंबल और रजाइयां तैयार करने में जुटे हैं।
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गर्म चादरों के दाम नहीं बढ़े
अनाज मंडी में रजाई और गद्दे की दुकान संचालित करने वाले अमित अग्रवाल ने बताया कि इस बार गर्म बेड सीट के दाम में कोई इजाफा नहीं हुआ है। इसी तरह बाजार में आने वालों को पुराने रेट में रजाई और गद्दे तैयार करके दिए जा रहे हैं। कपिल सिघल ने बताया कि इस बार तो रजाई और गद्दे के लिए लोग फाइवर रूई की डिमांड कर रहे हैं और यह रूई पहले से करीब 20 रुपये किलो अधिक रेट में मिल रहा है।