पंजाब के ध्यानार्थ: फर्जी जीएसटी नंबर लेकर लाखों की चपत लगाने वाले गिरफ्तार आरोपित को जेल

-आरोपित सुखविद्र सिंह ने नहान हाउस में इलेक्ट्रॉनिक दुकान के फर्जी दस्तावेज पर लिया था जीएसटी नंबर

By JagranEdited By: Publish:Sat, 05 Dec 2020 08:50 AM (IST) Updated:Sat, 05 Dec 2020 08:50 AM (IST)
पंजाब के ध्यानार्थ: फर्जी जीएसटी नंबर लेकर लाखों की चपत लगाने वाले गिरफ्तार आरोपित को जेल
पंजाब के ध्यानार्थ: फर्जी जीएसटी नंबर लेकर लाखों की चपत लगाने वाले गिरफ्तार आरोपित को जेल

-आरोपित सुखविद्र सिंह ने नहान हाउस में इलेक्ट्रॉनिक दुकान के फर्जी दस्तावेज पर लिया था जीएसटी नंबर

- आरोपित ने पंजाब की दो बड़ी फर्मों से दो माह में 44.43 लाख का कारोबार कर लगाई 12.99 लाख के राजस्व को चपत जागरण संवाददाता, अंबाला शहर:

आबकारी एवं कराधान विभाग में फर्जी जीएसटी नंबर के आधार पर फर्जीवाड़ा करने के मामले में शहर थाना पुलिस ने आरोपित पंजाब के नया शहर निवासी सुखविद्र सिंह को गिरफ्तार किया है। आरोपित को कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया है। यह मामला आबकारी व कराधान अधिकारी पूनम की शिकायत पर 16 अगस्त 2019 को दर्ज हुआ था। तब से पुलिस आरोपित को गिरफ्तार करने के लिए धरपकड़ करने में जुटी थी। दरअसल, आरोपित सुखविद्र सिंह ने फर्जी दस्तावेज के आधार पर लिए गए जीएसटी नंबर के आधार पर 44.43 लाख रुपये के बिक्री बिल और ई-वे बिल जारी किए गए थे। जिससे प्रदेश सरकार को के राजस्व को 12.99 लाख का चपत लगी थी। इस तरह से लगाई थी चपत

दरअसल, फर्जीवाड़ा करने के लिए सुखविद्र सिंह ने स्टेट टैक्स वार्ड नंबर आठ अंबाला शहर से हरियाणा वस्तु एवं सेवा कर अधिनियम 2017 के तहत जीएसटी नंबर अप्लाई किया था। आरोपित ने विभाग से फर्जी दस्तावेज के जरिए मैसर्ज दिशा इंटरप्राइजेज नाहन हाउस शहर के नाम से 20 दिसंबर 2018 को अपना जीएसटी नंबर भी पंजीकृत करा लिया था जबकि उसका वास्तविक पता पंजाब के सास नगर में नया शहर नजदीक सिंह सभा गुरुद्वारा का था। इसके बाद आरोपित ने फर्जीवाड़े का खेल शुरू कर दिया। जीएसटी नंबर लेने के बाद आरोपित ने अप्रैल से जून 2019 तक 44 लाख 43 हजार रुपये के बिक्री बिल और ई-वे बिल जारी कर दिए। आरोपित से खरीदार ने बिक्री बिल और ई-वे बिल के जरिए दो लाख 51 हजार रुपये का इनपुट क्रेडिट लाभ भी लिया। इस तरह से उसने राज्य सरकार को 12.99 लाख का रुपये फर्जीवाड़ा किया और सरकार के राजस्व को चपत लगाई।

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