सैन्य सम्मान के साथ हरप्रीत का किया गया अंतिम संस्कार

गांव जहांगीरपुर के रहने वाले सेना के जवान हरप्रीत सिंह (27) की शुक्रवार देर यमुनानगर के गुलाब नगर पाबनी रोड (जगाधरी-सढौरा रोड) पर सड़क हादसे में मौत हो गई। हरप्रीत की सफारी गाड़ी अनियंत्रित होकर खंभे से टकरा गई थी।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 28 Nov 2021 02:14 AM (IST) Updated:Sun, 28 Nov 2021 02:14 AM (IST)
सैन्य सम्मान के साथ हरप्रीत का किया गया अंतिम संस्कार
सैन्य सम्मान के साथ हरप्रीत का किया गया अंतिम संस्कार

संवाद सहयोगी, मुलाना : गांव जहांगीरपुर के रहने वाले सेना के जवान हरप्रीत सिंह (27) की शुक्रवार देर यमुनानगर के गुलाब नगर पाबनी रोड (जगाधरी-सढौरा रोड) पर सड़क हादसे में मौत हो गई। हरप्रीत की सफारी गाड़ी अनियंत्रित होकर खंभे से टकरा गई थी। हादसे में उसका दोस्त घायल है। दोनों यमुनानगर के गांव मंधार में एक शादी समारोह में भाग लेने के बाद दोनों लौट रहे थे। हरप्रीत की शादी जनवरी 2022 में होनी थी। वह भारतीय सेना के 20 सिख बटालियन के 46 राष्ट्रीय राइफल बारामूला में तैनात था। वह कुछ दिनों पहले की छुट्टी पर आया था। शनिवार को सैनिक सम्मान के साथ उसका अंतिम संस्कार किया गया। इस दौरान मेजर ऋषि द्विवेदी भी मौजूद रहे।

अंतिम संस्कार से पहले राष्ट्र जागरण मंच, उम्मीद फाउंडेशन व अन्य सामाजिक संस्थाओं व पूर्व विधायक राजबीर बराड़ा, मुलाना थाना प्रभारी सुभाष आदि ने श्रद्धांजलि अर्पित की।

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धरी रह गई शादी की तैयारियां

हरप्रीत सिंह हंसमुख स्वभाव का काफी मिलनसार था। हरप्रीत के पारिवारिक सदस्य गुरजीत कहते है कि हरप्रीत की 15 जनवरी में शादी होनी थी। नजदीकी गांव भगवानपुर में हरप्रीत का रिश्ता हुआ था। शादी को लेकर पूरा परिवार तैयारियों में जुटा हुआ था। हरप्रीत सिंह खुद भी शादी की शापिग कर रहा था, लेकिन अब शादी की तैयारियां धरी की धरी रह गई हैं।

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सेना से सेवानिवृत्त हैं पिता

हरप्रीत सिंह के पिता गुरमीत सिंह भट्टी सेना से रिटायर्ड हैं और अब हरियाणा पुलिस में रहकर सेवाएं दे रहे हैं। हरप्रीत सिंह के पिता सहित परिवार के पांच लोग हरियाणा पुलिस, पंजाब पुलिस में सेवाएं दे रहे है, जबकि दो पंजाब पुलिस से सेवानिवृत्त हो चुके हैं। हरप्रीत का बड़ा भाई दुबई में है।

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टूट गए माता-पिता के सपने

सड़क दुर्घटना में अपने पुत्र को खोने के बाद हरप्रीत की माता का रो-रोकर बुरा हाल है। उनका कहना है कि उस का बेटा बारामुला श्रीनगर में ड्यूटी कर देश की सेवा करता रहा। हरप्रीत की मां का कहना था कि वह तो बेटे की शादी तैयारियों में लगी थी, लेकिन उन्हें क्या मालूम था कि किस्मत बेटे को ऐसे उन से छीन लेगी।

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