आंगनबाड़ी वर्कर को विधायक की कोठी से पहले रोका, नारेबाजी कर जताया रोष

पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार मुख्यमंत्री के नाम संबोधित ज्ञापन देने पहुंची। इस दौरान कार्यकर्ताओं ने जमकर नारेबाजी की।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 23 Oct 2021 12:47 AM (IST) Updated:Sat, 23 Oct 2021 12:47 AM (IST)
आंगनबाड़ी वर्कर को विधायक की कोठी से पहले रोका, नारेबाजी कर जताया रोष
आंगनबाड़ी वर्कर को विधायक की कोठी से पहले रोका, नारेबाजी कर जताया रोष

जागरण संवाददाता, अंबाला :

पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार मुख्यमंत्री के नाम संबोधित ज्ञापन देने के लिए शुक्रवार आंगनबाड़ी वर्कर लामबंद होकर शहर विधायक असीम गोयल के आवास पर जा रही थी जिन्हें पुलिस ने पहले ही रोक लिया। सुरक्षा के लिहाज से पुलिस के पुख्ता इंतजाम कर बैरीकेड्स लगा रखे थे। उपायुक्त कार्यालय पर लगातार 21 दिनों से धरना देने वाली आंगनबाड़ी वर्करों ने लंबित मांगों को लेकर नारेबाजी की। सेक्टर-1 के मुख्य गेट पर एकत्र आंगनबाड़ी वर्कर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन लेकर पहुंची थी। अपनी लंबित मांगों को पूरा करने संबंधी नारा लिख हाथों में बैनर लेकर आंगनबाड़ी वर्कर के विरोध को देखते हुए बैरिकेड लगाकर पुलिस बल तैनात किया गया था जो उन्हें रोक लिया। करीब एक घंटे प्रदर्शन के बाद आंगनबाड़ी वर्करों ने विधायक के न मिलने पर प्रतिनिधि से मुलाकात की और मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन दिए बिना ही लौटी। आंगनबाड़ी वर्करों की जिला प्रधान अनुपमा ने बताया कि 2018 में सरकार से समझौता हुआ था जिसमें वर्कर्स एवं हेल्पर्स को कुशल-अकुशल कैटेगरी में लेने व इस कैटेगरी में लेने पर उन्हें पीएफ, महंगाई भत्ता, मेडिकल लीव, रिटायर होने पर एकमुश्त राशि देने का वायदा किया था। अभी तक यह मांगे पूरी नहीं की गई। 22 जुलाई को कैथल में मंत्री कमलेश ढांडा कैथल की जिला प्रधान कमला को टर्निमेट कर दिया जिसे बहाल किया जाए। इस दौरान अंबाला जिले के कोने कोने से आंगनबाड़ी वर्कर एकत्र हुए थे।

छह माह से वेतन न मिलने पर नप कंप्यूटर आपरेटरों ने बंद किए काउंटर अंबाला छावनी नगर परिषद परिसर में बने फैसिलेशन सेंटर पर तैनात कंप्यूटर आपरेटरों ने शुक्रवार को छह माह से वेतन न मिलने के चलते काउंटर बंद कर दिए। ऐसे में आम लोगों कोबिना काम करवाए ही लौटना पड़ा। काउंटर बंद करके लामबंद हुए कर्मियों ने कहा कि परिवार चलाना मुश्किल हो रहा है। खर्चे पूरे करने के लिए ब्याज पर पैसे लेने पड़ रहे हैं। कभी विभाग तो कभी ठेकेदार की ओर से वेतन दिलाने की दिशा में सही प्रक्रिया नहीं अपनाई गई जिसके कारण त्योहारी सीजन में भी सैलरी नहीं मिल रही है। पहले भी कर चुके हैं काउंटर बंद, तब आगे बढ़ी थी फाइल

काउंटर कर्मियों द्वारा सितंबर माह में भी पांच माह से वेतन की फाइल को प्रक्रिया में न लाने के कारण काउंटर बंद किए गए थे। उसके बाद ही फाइल पर काम शुरू हो सका था, लेकिन सवा महीना गुजरने के बाद भी फाइल अधिकारियों और अकाउंट विभाग के चक्कर ही काट रही है।

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