एबुंलेंस बनी पिक बसें को दोबारा से बसों में तब्दील होने का इंतजार

कोरोना की स्थिति सही होने के बाद भी रोडवेज की पांच पिक मिनी बसें अभी भी एंबुलेंस बनी हुई है। लेकिन इन बसों को दोबारा बस में तब्दील करने का इंतजार है। अगर इन एंबुलेंस बसों को दोबारा बसों में तब्दील कर दिया जाए तो काफी साहूलियत होगी।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 20 Sep 2021 10:57 PM (IST) Updated:Mon, 20 Sep 2021 10:57 PM (IST)
एबुंलेंस बनी पिक बसें को दोबारा से बसों में तब्दील होने का इंतजार
एबुंलेंस बनी पिक बसें को दोबारा से बसों में तब्दील होने का इंतजार

जागरण संवाददाता, अंबाला शहर : कोरोना की स्थिति सही होने के बाद भी रोडवेज की पांच पिक मिनी बसें अभी भी एंबुलेंस बनी हुई है। लेकिन इन बसों को दोबारा बस में तब्दील करने का इंतजार है। अगर इन एंबुलेंस बसों को दोबारा बसों में तब्दील कर दिया जाए तो काफी साहूलियत होगी। इन्हें दोबारा से उन्हीं मार्गों पर लगाया जाएगा। इससे यात्रियों को राहत मिलेगी वहीं डिपो का राजस्व भी बढ़ेगा। बता दें कोरोना की दूसरी लहर के तहत इन बसों को एंबुलेंस में तब्दील कर दिया गया था। अभी इन बसों को इसी तरह से रखा जाएगा। फिलहाल यह बसें डिपो की वर्कशाप में खड़ी हैं जिनका कोई उपयोग नहीं किया जा रहा है। कोरोना की दूसरी लहर के दौरान भारी मात्रा में एंबुलेंस की कमी पड़ गई थी। ऐसे में राज्य सरकार ने निर्देश जारी कर सभी डिपो की पांच-पांच मिनी पिक बसों को एंबुलेंस में बदलने के लिए कहा था।

एंबुलेंस बनाई बसों में यह दी गई सुविधा

इन एंबुलेंस में चार बेड तैयार करने के अलावा एक स्ट्रेचर व एक बड़ा आक्सीजन सिलेंडर रखे हुए हैं। इसके अलावा बस हेड पर लाल रंग की लाइट लगी हुई है। इन बसों को ट्रामा सेंटर में खड़ा किया गया था। बता दें अंबाला रोडवेज डिपो में आठ मार्च 2020 को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर नौ पिक बसों की शुरुआत की गई थी। यह शुरुआत प्रदेश के सभी जिलों में एक साथ की गई थी। इन बसों में छात्राएं और महिलाएं ही सफर कर सकती थीं।

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