धान की सीधी बिजाई में अंबाला के किसानों का बढ़ा रुझान

धान की सीधी बिजाई में किसानों का रुझान बढ़ने लगा है। इससे जहां किसानों पर धान की लागत का बोझ कम होगा वहीं पानी की बचत भी अधिक होगी। इसके चलते विभाग की ओर से भी किसानों को जागरूक किया जा रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 21 Jun 2021 07:20 AM (IST) Updated:Mon, 21 Jun 2021 07:20 AM (IST)
धान की सीधी बिजाई में अंबाला के किसानों का बढ़ा रुझान
धान की सीधी बिजाई में अंबाला के किसानों का बढ़ा रुझान

जागरण संवाददाता, अंबाला शहर : धान की सीधी बिजाई में किसानों का रुझान बढ़ने लगा है। इससे जहां किसानों पर धान की लागत का बोझ कम होगा वहीं पानी की बचत भी अधिक होगी। इसके चलते विभाग की ओर से भी किसानों को जागरूक किया जा रहा है। इसमें किसान रुचि भी दिखा रहे हैं। काफी हद तक किसान इस साल बतौर ट्रायल भी धान की सीधी बिजाई कर रहे हैं। क्योंकि शुरुआती दौर में नुकसान होने का भय रहता है।

बता दें कि धान की सीधी बिजाई (डीएसआर) करने वाले किसानों को कृषि एवं किसान कल्याण विभाग पांच हजार रुपये प्रति एकड़ की दर से प्रोत्साहन राशि देगा। विभाग के अधिकारियों की मानें तो इस बार किसानों का डीएसआर के प्रति खासा रुझान बढ़ा है। कृषि विभाग ने इस साल धान की सीधी बिजाई के लिए 2 हजार एकड़ का लक्ष्य रखा है। इसमें से 1600 एकड़ में सामान्य श्रेणी के किसान व 400 एकड़ में अनुसूचित जाति के किसानों के लिए लक्ष्य निर्धारित किया है, लेकिन अभी तक 1500 एकड़ में किसानों ने धान की सीधी बिजाई की है। अधिकतम 2.5 एकड़ का मिलेगा लाभ

इस स्कीम के तहत एक किसान का अधिकतम 2.5 एकड़ का लाभ दिया जाएगा। जो किसान इस स्कीम का लाभ लेना चाहते हैं उन्हें बिजाई के तुरंत बाद अपना पंजीकरण मेरी फसल मेरा ब्योरा पोर्टल पर करना होगा। मेरी फसल मेरा ब्योरा पोर्टल पर पंजीकरण के बाद किसानों के खेतों का भौतिक सत्यापन कृषि विकास अधिकारी, पटवारी, नंबरदार व संबंधित किसान की ओर से किया जाएगा।

---------- -किसानों को मिलेगा फायदा

कृषि विशेषज्ञों की मानें तो सीधी बिजाई करने पर 30-35 फीसद पानी की बचत होती है। इसके साथ कामगारों का खर्च भी कम रहता है। क्योंकि इसमें रोपाई करने की झंझट खत्म हो जाती है। इस पर खाद और दवाइयों की लागत भी कम हो जाती है। सीधी बिजाई करने पर खेत की जुताई भी काफी कम करनी पड़ती है। क्योंकि इसमें खेत को सिर्फ एक बार तैयार करके मशीन से या पारंपरिक तौर पर बिजाई कर दी जाती है।

-------- जिले में गिरते भू-जल स्तर को देखते हुए कृषि विभाग किसानों को धान की सीधी बिजाई करने की सलाह दे रहा है। प्रशिक्षण शिविरों के माध्यम से किसानों को धान की सीधी बिजाई के प्रति जागरूक किया जा रहा है। धान की सीधी बिजाई से न केवल धान की लागत कम होगी बल्कि धन की बचत के साथ उत्पादन भी अधिक होता है।

डा. गिरिश नागपाल, उप निदेशक, कृषि एवं किसान कल्याण विभाग, अंबाला।

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