विवाह के लिए विवश कर भगाने के मामले में आरोपित बरी

शादीशुदा महिला को विवाह के लिए विवश कर भगाकर ले जाने के मामले में अदालत ने आरोपित को साक्ष्यों के अभाव में बरी कर दिया है। अभियोजन पक्ष अदालत में साबित नहीं कर सका कि आरोपित के कारण पीड़िता का तलाक हुआ।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 22 Sep 2021 06:42 AM (IST) Updated:Wed, 22 Sep 2021 06:42 AM (IST)
विवाह के लिए विवश कर भगाने के मामले में आरोपित बरी
विवाह के लिए विवश कर भगाने के मामले में आरोपित बरी

जागरण संवाददाता, अंबाला शहर: शादीशुदा महिला को विवाह के लिए विवश कर भगाकर ले जाने के मामले में अदालत ने आरोपित को साक्ष्यों के अभाव में बरी कर दिया है। अभियोजन पक्ष अदालत में साबित नहीं कर सका कि आरोपित के कारण पीड़िता का तलाक हुआ। इसके साथ ही होटल में जाने के दौरान पीड़िता ने शोर तक नहीं मचाया। बता दें कि अशोक विहार कालोनी के रहने वाले पीड़िता के पिता ने 30 जुलाई 2018 को शिकायत दी थी। जिसमें बताया कि वह आर्मी से रिटायर्ड है। उसके एक बेटी और तीन बेटे हैं। उसकी बड़ी बेटी 33 साल की है। बेटी की शादी 2011 में की थी। इसका वहां से तलाक हो गया था। इसके बाद फिर दिल्ली में रिश्ता किया, लेकिन बेटी ने शादी करने से मना कर दिया और बारात वापस चली गई थी। उसके बाद विवाह इस्माईलाबाद में किया था। वहां से भी तलाक हो गया। तलाक का कारण बलाना का हरजीत सिंह था। इसके बाद फिर अपनी बेटी की शादी 8 जुलाई 2018 को तय की थी, लेकिन बेटी 6 जुलाई को घर से बिना बताए कहीं चली गई थी। शिकायतकर्ता ने बताया कि 8 जुलाई को बेटी ने फोन करके बताया कि वह अमृतसर गुरुद्वारा में है। जहां से बेटा लेकर आया।फिर बेटी की शादी 25 जुलाई को तय की थी, लेकिन बेटी सुबह ही घर से बिना बताए चली गई। काफी तलाश के बाद भी कहीं नहीं मिली थी। जिसे बलाना का हरजीत सिंह शादी की नियत से भगाकर ले गया। अदालत में बचाव पक्ष की ओर से वकील तरूण कालड़ा व हिमांशु आनंद पेश हुए। जहां अदालत में दोनों पक्षों की सुनवाई की गई। इसके बाद अदालत ने अपना फैसला सुना दिया।

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