ग्रुप डी की परीक्षा में पहुंचे 33 हजार 263 परीक्षार्थी तो जाम से जूझती रही ट्विन सिटी

परीक्षा के दौरान ट्विन सिटी में अब जाम हुआ आम, ट्रैफिक पुलिस के तमाम बंदोबस्त भीड़ ने कर दिए फेल, कई परीक्षा केंद्रों के बाहर बैग रखने के नाम पर हुई अवैध वसूली, 100 मीटर दायरे में ही लगवाए स्कूलों ने बूथ

By JagranEdited By: Publish:Sun, 18 Nov 2018 01:40 AM (IST) Updated:Sun, 18 Nov 2018 01:40 AM (IST)
ग्रुप डी की परीक्षा में पहुंचे 33 हजार 263 परीक्षार्थी तो जाम से जूझती रही ट्विन सिटी
ग्रुप डी की परीक्षा में पहुंचे 33 हजार 263 परीक्षार्थी तो जाम से जूझती रही ट्विन सिटी

जागरण संवाददाता, अंबाला शहर: ग्रुप डी की परीक्षा के दूसरे चरण में शनिवार को जिले में करीब 33 हजार 263 परीक्षार्थियों ने सुबह और शाम दोनों सत्रों में परीक्षा दी। परीक्षार्थियों के साथ उनके अभिभावक भी पहुंचे। इसीलिए करीब 50 हजार लोग जिले में पहुंचे तो ट्विन सिटी जाम से हांफ गई। हालात यह थे कि सुबह से लेकर परीक्षा खत्म होने तक शाम पांच बजे तक ट्विन सिटी में जगह-जगह जाम लगे रहे। हालात यह थे कि नेशनल हाइवे से लेकर स्टेट हाइवे और शहर की सड़कों पर जाम ही जाम रहा। छावनी में जगाधरी नेशनल हाइवे पर एसडी कालेज से लेकर महेश नगर तक हालात यह रहे कि यहां पर दोपहर के समय 10-10 मिनट जाम लगा रहा। इसी तरह दिल्ली-अंबाला नेशनल हाइवे पर भी दोपहर और शाम के समय ऐसे ही हालात रहे। 51 हजार 56 परीक्षार्थियों ने देनी थी परीक्षा

जिले में 20 सेंटर बराड़ा और 72 परीक्षा केंद्र ट्विन सिटी में बनाए गए थे। इसमें 25 हजार 528 सुबह और इतने ही परीक्षार्थियों ने दोपहर बाद के सत्र में परीक्षा देनी थी। लेकिन सुबह के सत्र में 16 हजार 518 और दोपहर बाद के सत्र में 16 हजार 745 परीक्षार्थियों ने परीक्षा दी। इनमें ट्विन सिटी में 13 हजार 483 सुबह और 13 हजार 365 परीक्षार्थी शाम के समय परीक्षार्थी पहुंचे थे। टूटे नियम, 100 मीटर दायरे में ही लगवाया बूथ

दूर दराज से आए हुए परीक्षार्थियों के बैग रखवाने के नाम पर परीक्षा केंद्रों के बाहर जमकर लूट हुई। परीक्षा केंद्रों के दायरों में मोबाइल और पर्स रखने के 20 रुपये और ¨सगल बैग रखने के 10 से 20 रुपये वसूले गए। कई स्कूलों ने अपने परिसर में ही ऐसी व्यवस्था की थी जबकि कुछ ने स्कूल के गेट के बाहर लेकिन 100 मीटर दायरे में इसके लिए अलग से बूथ बनवाया हुआ था जबकि 100 मीटर दायरे में तो धारा 144 लागू होती है। इस तरह इसका भी सरेआम उल्लंघन हुआ। होटल और धर्मशालाएं हुई फुल तो गुरुद्वारा बना परीक्षार्थियों का सहारा

ग्रुप-डी पदों की दो दिवसीय लिखित परीक्षा में प्रशासनिक दावों की पोल खुल गई। जिलेभर के 92 परीक्षा केंद्र तो बना दिए गए। लेकिन दूरदराज के क्षेत्रों से पहुंचने वाले सैकड़ों परीक्षार्थियों के ठहराव का बंदोबस्त ही नहीं किए। दूर के क्षेत्रों से परीक्षा देने पहुंचे परीक्षार्थियों के कारण हालात यह रहे कि सभी होटल और धर्मशालाएं तक फुल हो गई। इसीलिए कुछ परीक्षार्थियों को बस अड्डों पर ही ठंड में रात बितानी पड़ी। वहीं जो बचे थे उनसे होटल संचालकों ने अत्याधिक दाम वसूले। लेकिन मुसीबत की इस घड़ी में परीक्षार्थियों के लिए छावनी के सदर बाजार स्थित पंजाबी गुरुद्वारा मुख्य सहारा बना। गुरुद्वारा कमेटी द्वारा जहां सैकड़ों परीक्षार्थियों के लिए सेवाभाव के चलते ठहरने की व्यवस्था की गई, वहीं रात व सुबह के समय अटूट लंगर बरताकर इंसानियत और सच्चे धर्म का परिचय दिया । यह नजारा गुरुद्वारे में 16 व 17 नवंबर की रात देखने को मिला। सेवादारों ने जहां 16-17 नवंबर की रात को मुफ्त सेवाएं दी वहीं 17-18 नवंबर की रात को भी पूरे बंदोबस्त किए। ताकि कोई भी ठंड से बीमार न पड़े और भूखा न रहे। प्रशासन रहा व्यवस्था में फेल

परीक्षा के आयोजन से पहले जिला प्रशासन ने किसी भी एनजीओ या सामाजिक संस्था का सहयोग नहीं मांगा। यदि ऐसा होता तो परीक्षार्थियों को रात के समय सड़क पर रात न बितानी पड़ती। इसके अलावा रैन बेसरा इत्यादि की व्यवस्था भी प्रशासन चाहता तो हो सकती थी लेकिन ऐसे में कोई बंदोबस्त ट्विन सिटी में नहीं हो सके। रोडवेज का दावा चलाई 80 अतिरिक्त बसें लेकिन लटके नजर आए परीक्षार्थी

ग्रुप डी की परीक्षा के चलते ट्विन सिटी में यात्री बसों के लिए दिनभर भटकते रहे हालात यह थे कि न तो दिन के समय निर्धारित समय पर रोडवेज की बसें मिली न ही रात के समय। रात के समय तो हालात यह रहे कि अंबाला से दिल्ली की ओर जाने से लिए यात्रियों को आधे-आधे घंटे इंतजार करना पड़ा। इस इंतजार के बाद भी बस नहीं मिली। क्योंकि जो बसें आई उन्हें चालकों ने बसों को निर्धारित स्थान पर न रोककर आगे पीछे- रोका। कुछ ने तो बसों को स्टापेज पर रोकना ही लाजमी नहीं समझा। अंबाला शहर में पालीटेक्निक चौक के पास हालात यह रहे कि चलती बसों पर यात्री भागते हुए लटक गए। इस तरह परीक्षार्थियों ने जान जोखिम में डालकर सफर किया। वहीं रोडवेज के टीएम के अनुसार अंबाला डिपो की 80 बसों की ड्यूटी परीक्षा के लिए लगाई गई थी। टीएम के अनुसार लंबे रूटों को कैंसिल कर परीक्षार्थियों के लिए स्पेशल व्यवस्था की गई। लेकिन हालत इसके विपरीत नजर आ रहे थे। ऐसे ही नजारे रेलवे स्टेशन के थे। छावनी रेलवे स्टेशन पर किसी भी ट्रेन में पांव रखने की भी जगह नहीं थी। यहां पर भी बसों की तरह यात्री खिड़कियों पर लटके दिखाई दिए। हाईवे पर बनाए टिकट काउंटरों पर रही लंबी कतार

छावनी में रेलवे स्टेशन के बाहर बनाए गए रेलवे के टिकट काउंटरों के हालत यह थे कि इन पर लाइन इतनी लंबी हो गई थी कि यह नेशनल हाइवे तक पहुंच गई। इन काउंटर संचालकों ने भी जमकर चांदी की। नियमानुसार प्रति टिकट पर दो रुपये अतिरिक्त ले सकते हैं लेकिन इन काउंटरों पर टिकट के बदले 5-5 रुपये अतिरिक्त वसूले गए।

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