जेबीटी के ट्रांसफर आदेश वापस लेने पर अध्यापक संगठनों में विरोध
जेबीटी टीचर्स के ट्रांसफर का फैसला बेशक छात्र हितों को देखते हुए रोक लिया गया है लेकिन जो टीचर्स अपने गृह जिला (जहां पर ट्रांसफर हुई थी) चले गए थे उन्हें फिर से मूल स्टेशन पर (जिला जिला से गए) वापस लौटना पड़ेगा। वापस ज्वाइनिंग के आर्डर जारी होने से अध्यापक संगठन विरोध में उतर गए हैं।
अंबाला से ट्रांसफर हुए 185 जेबीटी फिर लौटेंगे, अध्यापक संघ बोले - समस्या खड़ी कर दी है
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- प्रदेश भर से 2544 जेबीटी टीचर्स को उनके गृह जिले में मिली थी पोस्टिंग
- अध्यापक संगठनों का विरोध, कई टीचर्स अपना सामान समेट कर जा चुके हैं गृह जिले में, फिर से व्यवस्थाएं बनानी होंगी जागरण संवाददाता, अंबाला :
जेबीटी टीचर्स के ट्रांसफर का फैसला बेशक छात्र हितों को देखते हुए रोक लिया गया है, लेकिन जो टीचर्स अपने गृह जिला (जहां पर ट्रांसफर हुई थी) चले गए थे उन्हें फिर से मूल स्टेशन पर (जिला जिला से गए) वापस लौटना पड़ेगा। वापस ज्वाइनिंग के आर्डर जारी होने से अध्यापक संगठन विरोध में उतर गए हैं। संगठनों के पदाधिकारियों का कहना है कि सरकार ने जल्दबाजी में ट्रांसफर तो दे दी अब इसे वापस लेने पर शिक्षकों के समक्ष समस्या खड़ी हो गई है। अंबाला से 185 जेबीटी टीचर्स को ट्रांसफर मिली थी, जबकि प्रदेश में यह आंकड़ा 2544 है। यह आ रही थी समस्या
बताया जा रहा है कि कुछ जिले ऐसे थे, जहां से जेबीटी को ट्रांसफर तो अधिक मिली, लेकिन उनके स्थान पर मात्र कुछ ही शिक्षकों ने ज्वाइन किया है। ऐसे में कई जिले ऐसे थे, जहां से ट्रांसफर कम हुए, जबकि मिले अधिक। यही स्थिति प्रदेश भर में प्राथमिक विद्यालयों में टीचर्स संख्या को बुरी तरह से प्रभावित कर रही थी। कई स्कूल ऐसे थे, जहां पर टीचर्स संख्या एक या शून्य रह गई थी। अंबाला से भी 185 जेबीटी टीचर्स ने ट्रांसफर लिया था, जबकि उनके स्थान पर महज 5 टीचर्स ने ही ज्वाइन करना था। अब इस पर 31 मार्च 2021 तक रोक लगा दी है। रिलीव के बाद आज करेंगे ज्वाइन
जेबीटी टीचर्स सोमवार को वापस अपने मूल स्थान पर लौटेंगे। इसके लिए इन शिक्षकों को रिलीव कर दिया गया है। जल्द ही अपने मूल स्टेशन में ज्वाइन करेंगे।
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सरकार को पहले ही स्थिति के बारे में सोचना चाहिए था। अब कई टीचर्स ट्रांसफर लेकर जा चुके हैं, जबकि फिर से वापस उसी स्टेशन पर ज्वाइन करने के आदेश जारी किए गए, जहां से गए हैं। यह तो टीचर्स के लिए परेशानी भरा रहेगा।
मोहन लाल परोचा, प्रेस सचिव हरियाणा अनुसूचित जाति राजकीय अध्यापक संघ
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जेबीटी के लिए यह मुसीबत से कम नहीं है। ये किराये पर रह रहे थे। सब कुछ समेट कर अपने गृह जिला चले गए थे। अब फिर से वापस आकर व्यवस्था बनानी होगी।
बलविदर सिंह, सचिव हरियाणा अनुसूचित जाति राजकीय अध्यापक संघ
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सरकार को पहले से ही सारी परिस्थितियों को देखते हुए ही ट्रांसफर देनी चाहिए थी। अब यू-टर्न ले रही है, जबकि जेबीटी टीचर्स के लिए दिक्कतें खड़ी हो रही हैं।
तरविदर शर्मा, ब्लॉक प्रधान बराड़ा, राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ