बारिश से 10 टन भीगा धान

खिली धूप के बाद अचानक सुबह 11 बजे शुरू हुई बूंदाबादी पूरे दिन चलती रही। इसका सबसे अधिक असर मंडियों में खुली धूप में सूखने के लिए बिछाई गई धान पर पड़ा। अभी मंडी के मजदूर धान को सुरक्षित कर पाते कि बरसात तेज हो गई और करीब 10 टन धान भीगने के साथ बचाव और सुरक्षा के सभी इंतजाम धरे के धरे गए।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 22 Sep 2021 09:45 PM (IST) Updated:Wed, 22 Sep 2021 09:45 PM (IST)
बारिश से 10 टन भीगा धान
बारिश से 10 टन भीगा धान

जागरण संवाददाता, अंबाला : खिली धूप के बाद अचानक सुबह 11 बजे शुरू हुई बूंदाबादी पूरे दिन चलती रही। इसका सबसे अधिक असर मंडियों में खुली धूप में सूखने के लिए बिछाई गई धान पर पड़ा। अभी मंडी के मजदूर धान को सुरक्षित कर पाते कि बरसात तेज हो गई और करीब 10 टन धान भीगने के साथ बचाव और सुरक्षा के सभी इंतजाम धरे के धरे गए। यह देख किसान से लेकर आढ़तियों के माथे पर चिता की लकीरें साफ झलकने लगी। मंडी में पहुंचे किसानों ने तो यहां तक कहा कि जब खरीद की सभी तैयारियां कैं तो क्रय कार्य शुरू करने में भला सरकार क्यों देरी कर रही है। मंडी में काम करने पहुंचे मजदूरों के समक्ष भी दिहाड़ी में कटौती की चिता सताने लगी।

सरकार की प्राथमिकता इस समय सभी किसानों की फसल को खरीद करना है। साथ ही किसानों व व्यापरियों की सुरक्षा व्यवस्था भी सुनिश्चित करना है। इसके लिए मंडियों में सुरक्षा के सभी तैयारियां कर ली गई। फसलों को मौसम के परिवर्तन यानी बरसात से बचाने के लिए तिरपाल खरीद एजेंसियों ने रखवा दिया है। आढ़तियों ने भी धान की फसल को साफ करने के लिए मशीनों से लेकर अन्य तैयारियां कर रखी है। इसी बीच, बुधवार को अचानक दिन के 11 बजे बूदाबांदी के साथ शुरू बरसात ने सभी प्रबंधों की पोल खोलकर रख दिया। मंडियों में सूख रही धान बरसात के पानी से पूरी तरह से भीग गया।

मुस्तैद रहेंगे एजेंसी के प्रतिनिधि

धान की खरीद शुरू होने पर प्रशासन की तरफ से अधिकृत एजेंसियों के प्रतिनिधि मुस्तैद रहेंगे। खरीद शुरू नहीं होने की वजह से एजेंसी के प्रतिनिधि अभी जरूरी कार्य वश ही साइट पर आते हैं। अब एक अक्टूबर से होगी खरीद

आढ़ती एसोसिएशन और मिलर्स के बीच धान खरीदने में सहमति न बनने और खरीद नीति जारी नहीं होने की वजह से 25 सितंबर से शुरू होने वाली धान की खरीद शुरू होने के आसार नहीं है। इसी बीच राज्य सरकार ने लगातार हो रही बारिश को वजह मानते हुए अब धान की खरीद एक अक्टूबर से शुरू करने के आदेश दिए हैं।

chat bot
आपका साथी