वडोदरा की श्वेता परमार बनी गुजरात की पहली, भारत की चौथी लाइसेंसशुदा महिला स्काईडाइवर
वडोदरा की रहने वाली श्वेता परमार (Shweta Parmar) राज्य की पहली और देश की चौथी लाइसेंसशुदा महिला स्काईडाइवर (skydiver) बन गईं हैं। इससे पहले विजेता राचेल थॉमस शीतल महाजन और देश की पहली महिला बेस जम्पर अर्चना सरदाना केवल तीन लाइसेंस प्राप्त महिला स्काईडाइवर थीं।
वडोदरा, एएनआइ। गुजरात के वडोदरा (Vadodara) की रहने वाली 28 साल की श्वेता परमार (Shweta Parmar) मंगलवार को राज्य की पहली और देश की चौथी लाइसेंसशुदा महिला स्काईडाइवर (skydiver) बन गईं। एएनआई से बात करते हुए, परमार ने कहा, "मैं वास्तव में बहुत खुश हूं कि मेरी वजह से मेरा राज्य और मेरा देश गौरवान्वित महसूस कर रहा है। मुझे लोगों से बधाई संदेश मिल रहे हैं और मुझे लगता है कि मैं लोगों के लिए प्रेरणा बन सकूंगी, खासकर युवा और लड़कियां के लिए।"
उन्होंने आगे कहा, "स्काईडाइविंग एक ऐसा अनुभव है जिसकी किसी और कार्य से तुलना नहीं की जा सकती। यह खास है और मेरे दिल के बेहद करीब है। अब, मैं एक प्रशिक्षक के बिना स्काइडाइव करना चाहती हूं, क्योंकि मुझे लगता है कि अगर मैं एक प्रशिक्षक के साथ स्काइडाइविंग करना इतना आनंददायक है तो प्रशिक्षक के बिना इसे करना बिल्कुल अलग तरह का अनुभव होगा।"
युवाओं और पर्यटकों को बहुत आकर्षित करेगी स्काईडाइविंग
श्वेता परमार ने कहा, "स्टैच्यू ऑफ़ लिबर्टी में रिवर राफ्टिंग जैसी कई साहसिक गतिविधियां पहले से ही हो रही हैं। स्काईडाइविंग एक ऐसी गतिविधि है जो युवाओं और पर्यटकों को बहुत आकर्षित कर सकती है और यह स्काइडाइविंग के लिए एक प्रसिद्ध जगह बन जाएगी। यदि कुछ स्थानों पर ये हो भी रहा है तो स्थायी रूप से नहीं किया जा रहा है। अगर इस गतिविधि को स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी में स्थायी रूप से शामिल कर लिया जाये तो यह एक प्रसिद्ध स्काईडाइविंग स्पॉट बन सकता है।"
परमार के लीग में शामिल होने से पहले देश में पद्म श्री पुरस्कार विजेता राचेल थॉमस, शीतल महाजन और देश की पहली महिला बेस जम्पर अर्चना सरदाना केवल तीन लाइसेंस प्राप्त महिला स्काईडाइवर थीं।