Coronavirus: गुजरात में कोरोना के 13804 नए मामले, अमित शाह ने हालात का लिया जायजा; 900 बेड के कोरोना अस्पताल का उद्घाटन
Coronavirus अमित शाह की पहल पर जीएमडीसी मैदान में सात दिन में ही डीआरडीओ ने इस हॉस्पिटल को खड़ा कर दिया इसमें 130 आइसीयू बेड तथा 750 ऑक्सीजन सुविधा वाले बेड हैं। अस्पताल का संचालन सेना के डॉक्टर व पैरामेडिकल स्टाफ करेगा।
अहमदाबाद, जागरण संवाददाता। Coronavirus: गुजरात में पिछले 24 घंटे में कोरोना के 13804 नए मामले सामने आए। 5618 लोग डिस्चार्ज हुए और 142 लोगों की मौत हुई है। कुल मामले 4,67,640 हैं। कुल 3,61,493 डिस्चार्ज हुए। सक्रिय मामले 1,00,128 हैं। कुल 6,019 की मौत हुई है। कुल टीकाकरण 1,10,01,631 हुआ। इधर, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को अहमदाबाद में डीआरडीओ निर्मित 900 बेड के कोविड-19 स्पेशल हॉस्पिटल का उद्घाटन किया। अमित शाह की पहल पर जीएमडीसी मैदान में सात दिन में ही डीआरडीओ ने इस हॉस्पिटल को खड़ा कर दिया, इसमें 130 आइसीयू बेड तथा 750 ऑक्सीजन सुविधा वाले बेड हैं। अस्पताल का संचालन सेना के डॉक्टर व पैरामेडिकल स्टाफ करेगा।
शुक्रवार शाम को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह अहमदाबाद पहुंचे, मुख्यमंत्री विजय रूपाणी, उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल व रक्षा अनुसंधान व विकास संगठन (डीआरडीओ) के उच्च अधिकारियों के साथ जीएमडीसी मैदान पहुंचे, जहां उन्होंने चंद दिनों में निर्मित इस अस्पताल का जायजा लिया। अमित शाह ने गुजरात के मुख्यमंत्री व अन्य आला अधिकारियों के साथ यहीं पर एक उच्चस्तरीय बैठक कर गुजरात में कोरोना के हालात पर चर्चा की। इसमें अमित शाह ने राज्य में बेड की उपलब्धता, ऑक्सीजन की कमी, रेमडेसीवर इंजेक्शन के साथ वैक्सीनेशन की व्यवस्थाओं का भी जायजा लिया। डीआरडीओ, अहमदाबाद महानगर पालिका के अधिकारियों ने अमित शाह को एक प्रजेंटेशन के माध्यम से कोरोना के ताजा हालात व सुविधाओं की जानकारी दी।
इससे पहले मुख्यमंत्री रूपाणी ने प्रदेश में कोरोना से निपटने के लिए किए गए उपायों की जानकारी दी। रूपाणी ने बताया कि 15 मार्च को गुजरात में 42000 बेड उपलब्ध थे, जो अब 90 हजार हैं। राज्य के 1800 कोविड-19 स्पेशल हॉस्पिटल 11500 आइसीयू बेड तथा 51 हजार ऑक्सीजन बेड उपलब्ध है। टेस्टिंग की क्षमता 50,000 थी, जिसे बढ़ाकर एक लाख 75 हजार की गई है। इनमें करीब 70 हजार टेस्ट आरटी-पीसीआर के शामिल है। प्रदेश में बेहतर कोरोना प्रबंधन के लिए सरकारी तथा निजी चिकित्सकों की एक टास्क फोर्स बनाई गई है। सरकार उनके दिशा निर्देश व मार्गदर्शन में लगातार सुविधा व उपचार व्यवस्था में परिवर्तन भी करती रहती है। प्रदेश में 30,000 माइक्रो कंटेनमेंट जोन बनाए गए हैं तथा 20 हजार टीमें मेडिकल सुविधाएं प्रदान कर रही है।