गांधी आश्रम के सौंदर्य करण एवं पुनर्विकास की योजना को तुषार गांधी ने गुजरात उच्च न्यायालय में चुनौती दी

तुषार गांधी ने कहा कि साबरमती आश्रम एवं संग्रहालय तथा मेमोरियल ट्रस्ट खादी ग्रामोद्योग प्रयोग समिति हरिजन आश्रम ट्रस्ट हरिजन सेवक संघ साबरमती आश्रम गौशाला राष्ट्रीय गांधी स्मारक निधि की देखरेख में ही गांधी आश्रम का नवीनीकरण एवं सौंदर्य करण होना चाहिए।

By Priti JhaEdited By: Publish:Thu, 28 Oct 2021 01:39 PM (IST) Updated:Thu, 28 Oct 2021 01:55 PM (IST)
गांधी आश्रम के सौंदर्य करण एवं पुनर्विकास की योजना को तुषार गांधी ने गुजरात उच्च न्यायालय में चुनौती दी
गुजरात महात्मा गांधी के प्रपौत्र तुषार गांधी

अहमदाबाद, जेएनएन। केंद्र सरकार की ओर से अहमदाबाद स्थित गांधी आश्रम के सौंदर्य करण एवं पुनर्विकास की योजना को महात्मा गांधी के प्रपौत्र तुषार गांधी ने गुजरात उच्च न्यायालय में चुनौती दी है।

गुजरात उच्च न्यायालय में दायर अपनी याचिका में गांधीवादी तुषार गांधी ने कहा कि साबरमती आश्रम एवं संग्रहालय के पुनर्विकास एवं सौंदर्यीकरण का काम गांधीवादी संगठनों की देखरेख में ही होना चाहिए।

तुषार गांधी ने कहा कि साबरमती आश्रम एवं संग्रहालय तथा मेमोरियल ट्रस्ट, खादी ग्रामोद्योग प्रयोग समिति, हरिजन आश्रम ट्रस्ट, हरिजन सेवक संघ, साबरमती आश्रम गौशाला, राष्ट्रीय गांधी स्मारक निधि की देखरेख में ही गांधी आश्रम का नवीनीकरण एवं सौंदर्य करण होना चाहिए। गांधी स्मारक, जिसका गठन गांधीजी की हत्या के बाद उनसे जुड़ी वस्तुओं के संग्रह व उनके संरक्षण के लिए बनाया गया था।

तुषार गांधी ने गत 5 मार्च को जारी किए गए सरकार के उद्योग एवं खनन विभाग की ओर से गठित कार्यकारी समिति को आश्रम के नवीनीकरण के लिए विभिन्न विभागों की एक समिति तैयार करने की बात कही गई थी, उस प्रस्ताव को रद्द करने की मांग की है। तुषार गांधी ने राज्य सरकार की ओर से साबरमती रिवरफ्रंट डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड एवं अहमदाबाद महानगरपालिका को आश्रम के नवीनीकरण का काम सौंपे जाने पर रोक की भी मांग की है।

तुषार गांधी ने कहा है कि सरकारी एजेंसियों को गांधी आश्रम के रीडवलपमेंट के काम से अलग रखा जाना चाहिए। उन्होंने यह भी चिंता जताई है की स्वतंत्रता सेनानियों के इस स्मारक को महज पर्यटन आकर्षण का केंद्र बना कर नहीं रखा जा सकता यह कोई व्यापारिक पर्यटन केंद्र नहीं है। पर्यटन को ध्यान में रखकर अगर गांधी आश्रम व उसके आसपास के परिसर का विकास किया जाता है तो गांधीवादी मूल्यों को खो सकता है।

तुषार गांधी ने साबरमती आश्रम की सादगी एवं गांधीवादी मूल्यों के ह्रास की चिंता जताते हुए कहा कि 12 सौ करोड़ रुपए की लागत से गांधी आश्रम व उसके आसपास स्थित चंद्रभागा पुल दांडी पुल गांधी वादी परिवारों की बस्तियों के पुनर्विकास से गांधी आश्रम की पहचान को नुकसान हो सकता है। तुषार गांधी की इस याचिका पर दीपावली के बाद सुनवाई शुरू होगी।

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