Cyclone Nisarga: गुजरात में तूफान निसर्ग का खतरा टला, भारी बारिश की आशंका
Cyclone Nisarga दक्षिण गुजरात में भारी बारिश की आशंका के चलते आरक्षित बलों की 19 टीमें तैनात की गई है वहीं एनडीआरएफ की पांच टीमें एयरलिफ्ट कर भेजी जाएंगी।
अहमदाबाद, राज्य ब्यूरो। Cyclone Nisarga: गुजरात में तूफान निसर्ग का खतरा टल गया है। चक्रवात का रूप लेकर इसके दमन से महाराष्ट्र के बीच की ओर बढ़ने की आशंका है। दक्षिण गुजरात में भारी बारिश की आशंका के चलते आरक्षित बलों की 19 टीमें तैनात की गई है, वहीं एनडीआरएफ की पांच टीमें एयरलिफ्ट कर भेजी जाएंगी।
मुख्यमंत्री विजय रूपाणी दक्षिण गुजरात में भारी बारिश की आशंका व समुद्री किनारे बसे लोगों को सुरक्षित स्थलों पर पहुंचाने के काम की सतत निगरानी कर रहे हैं। राहत व बचाव आयुक्त हर्षद पटेल ने बताया कि बीस हजार से अधिक लोगों को सरकार के 126 आश्रय स्थलों पर पहुंचाया गया है। इनमें नवसारी के 11708, वलसाड के 6438, सूरत के 1135, भरुच के 1020 लोग शामिल हैं। पटेल ने बताया समुद्री तूफान चक्रवात का रूप लेकर दमन व महाराष्ट्र के मध्य की ओर बढ़ रहा है। गुजरात के समुद्री तट से टकराने का खतरा टल गया है। प्रभावित जिलों में एनडीआरएफ की 13 टीमें व एसडीआरएफ की छह टीमें तैनात हैं। एनडीआरएफ की पांच टीमें एयरलिफ्ट करके पहुंचाई जाएंगी।
मौसम विभाग के निदेशक जयंत सरकार ने बताया कि चक्रवात दमन से महाराष्ट्र के बीच हरिहरेश्वर तट से टकरा सकता है। गुजरात पर चक्रवात का खतरा टल गया, लेकिन दक्षिण गुजरात के सूरत, नवसारी, वलसाड, वापी, भरुच में भारी बारिश की आशंका है। सौराष्ट्र अब पूरी तरह सुरक्षित माना जा रहा है। मौसम विभाग का मानना है कि अब सौराष्ट्र में भारी बारिश की आशंका भी नहीं है।
मौसम विभाग ने गुजरात के मछुआरों को चार जून तक समुद्र में नहीं जाने की सलाह दी है। समुद्र में गए मछुआरों से भी रविवार शाम तक लौट आने को कहा था। आइएमडी के अहमदाबाद केंद्र ने उत्तर और दक्षिण गुजरात के सभी बंदरगाहों के लिए अलर्ट जारी किया है।
गौरतलब है कि अभी कुछ दिन पहले ही बंगाल की खाड़ी में पैदा हुए सुपर चक्रवाती तूफान एम्फन ने बंगाल और ओडिशा में भारी तबाही मचाई थी। कोलकाता में कई पेड़ उखड़ गए थे और घरों को भी भारी नुकसान पहुंचा था। हालात इस कदर बिगड़े थे कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद बंगाल और ओडिशा जाकर हालात का जायजा लिया था।