नवजात का अपहरण करने वाली महिला हिरासत में, धरपकड़ के लिए लगाये 150 जवान; खंगाले गये 500 कैमरे
नवजात का अपहरण करने वाली महिला को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। महिला को पकड़ने के लिए पुलिस के 150 जवान तैनात करने पड़े और 500 से ज्यादा सीसीटीवी कैमरे खंगाले गये । 9 सितंबर को पुलिस ने इसे गिरफ्तार कर लिया था
अहमदाबाद, जागरण संवाददाता। सोला सिविल अस्पताल से गत दिनों एक नवजात का अपहरण करने वाली महिला को सोमवार तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। पुलिस को इस महिला की धरपकड़ करने के लिए अपने 150 जवान लगाने पड़े तथा 500 से अधिक सीसीटीवी के फुटेज खंगालने पड़े। अहमदाबाद पुलिस आयुक्त संजय श्रीवास्तव में अब इस नवजात कन्या को दुर्गा का नाम दिया है।
एक सप्ताह की मशक्कत के बाद अहम सुराग लगा हाथ
अहमदाबाद के सरखेज गांधीनगर हाईवे पर स्थित 16 सिविल अस्पताल से पिछले 2 सितंबर को एक नवजात शिशु का अपहरण हो गया था। अपहरण की इस घटना ने अस्पताल प्रशासन व पुलिस सुरक्षा के दावों की पोल खोल दी थी। पुलिस ने नवजात के अपहरण की घटना का पर्दाफाश करने के लिए अस्पताल के शिशु वार्ड से लेकर सरखेज गांधीनगर हाईवे के करीब 500 सीसीटीवी फुटेज खंगाले। करीब एक सप्ताह की मशक्कत के बाद पुलिस को कुछ अहम सुराग हाथ लगे। फतेहवाडी जुहापुरा की रहने वाली नगमा बानू ने ही नवजात का प्रण किया था 5 साल से नगमा को कोई बच्चा नहीं हुआ जिसके कारण उसने बच्चे के अपहरण की योजना बनाई। पुलिस पूछताछ में उसने बताया कि करीब 6 महीने से वह यह योजना बना रही थी और दो तीन बार रेकी करने के लिए अस्पताल भी गई। सोमवार तक नगमा को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।
सीसीटीवी का गहन अध्ययन किया
पुलिस ने अस्पताल के शिशु जच्चा-बच्चा वार्ड के सीसीटीवी का गहन अध्ययन किया जिसमें एक महिला हाथ में कुछ उठाकर ले जाते हुए नजर आ रही थी। जब इस फुटेज का पीछा करते हुए पुलिस ने अस्पताल में एसजी हाईवे के सीसीटीवी कैमरे के फुटेज खंगाले तो पता चला यह महिला पहले अपने पति के साथ एक्टिवा पर सोला ब्रिज तक पहुंची। इसके बाद यहां वह आटो में सवार हो गई तथा एसजी हाईवे को पार करते हुए सानंद चौकड़ी के मोड से जुहापुरा के लिए निकल गई।
महिला की हरकतें अजीब लगी
पुलिस ने यहां के सीसीटीवी फुटेज में देखा कि जिस आटो में यह महिला बैठ कर गई थी वह आटो वापस लौट रहा था जिससे पुलिस को अंदाजा हो गया कि महिला ने यहां पर भी वाहन बदला है। पुलिस निरीक्षक जेपी जाडेजा ने आस-पास में पूछताछ की तो पता चला कि नगमा नाम की महिला के पास एक नवजात बालक है जो उसका नहीं है। उसकी हरकतें भी कुछ अजीब तरह की थी, जिसके बाद पुलिस ने उसके घर पहुंच कर उसे दबोच लिया। उसके पति ने बताया कि कई साल से संतान नहीं होने के कारण नगमा ने नवजात बच्चे का अपहरण किया है। जिसके बाद पुलिस ने उसे हिरासत में ले लिया। 9 सितंबर को पुलिस ने इसे गिरफ्तार कर लिया तथा नवजात को उसकी जन्मदाता अंबाबाड़ी की सरस्वती के सुपुर्द कर दिया। अहमदाबाद के पुलिस आयुक्त संजय श्रीवास्तव इस पूरे घटनाक्रम पर निगरानी रखी और इस नवजात का नाम उन्होंने दुर्गा रखा।