गुजरात में खुले कक्षा पहली से 5वीं तक के स्‍कूल, बाल मंदिर और आंगनवाड़ी को लेकर भी निर्णय जल्‍द

School Reopen in Gujarat गुजरात सरकार (Gujarat Government) ने कोरोना महामारी के के असर को कम होते देख कक्षा पहली से 12वीं तक के स्‍कूल आज से खोल दिए हैं। बाल मंदिर तथा आंगनवाड़ी के बच्चों के लिए भी सरकार स्कूल खोलने का निर्णय जल्द ले सकती है।

By Babita KashyapEdited By: Publish:Mon, 22 Nov 2021 12:17 PM (IST) Updated:Mon, 22 Nov 2021 12:18 PM (IST)
गुजरात में खुले कक्षा पहली से 5वीं तक के स्‍कूल, बाल मंदिर और आंगनवाड़ी को लेकर भी निर्णय जल्‍द
गुजरात सरकार ने कक्षा 1 से पांचवी तक के लिए भी स्कूल खोल दिए हैं।

अहमदाबाद, जागरण संवाददाता। गुजरात सरकार ने सोमवार से कक्षा 1 से पांचवी तक के लिए भी स्कूल खोल दिए हैं। बाल मंदिर में आंगनवाड़ी के बच्चों का स्कूल खोलने का निर्णय भी जल्द लिया जा सकता है। गुजरात के शिक्षा मंत्री जीतूभाई वाघाणी ने सूरत में पत्रकार वार्ता कर रविवार को ही इसकी घोषणा कर दी थी। शिक्षा मंत्री ने बताया कि कोरोना के लिए जारी दिशा-निर्देशों का पालन तथा अभिभावकों की लिखित अनुमति से ही कक्षा 1 से पांचवी के छात्र छात्राओं को स्कूल में पढ़ाया जाएगा। बाल मंदिर तथा आंगनवाड़ी के बच्चों के लिए भी सरकार स्कूल खोलने का निर्णय जल्द ले सकती है।

शिक्षा मंत्री ने बताया कि राज्य में कोरोना संक्रमण लगातार घट रहा है तथा महामारी के असर को घटते देख सरकार अब कक्षा 1 से 12वीं तक के बच्चों को स्कूल में पढ़ाने के लिए पूरी तरह तैयार है कक्षा 6 से बारहवीं तक के बच्चों के लिए स्कूल पहले ही खोल दिए गए हैं। जुलाई 2021 से ही कक्षा 9 से 12 वीं के छात्रों का स्कूल खोल दिया गया था जबकि कक्षा 6 से 8 वीं तक के छात्र छात्राओं के लिए सितंबर माह में स्कूल खोले गए।

शिक्षा मंत्री जीतू भाई ने बताया कि राज्य के सरकारी और निजी प्राथमिक स्कूलों में कक्षा 1 से 5 तक के छात्र-छात्राओं के लिए प्रत्यक्ष शैक्षणिक कार्य तथा ऑफलाइन कक्षाएं सोमवार से ही प्रारंभ कर दिए गए। स्कूल संचालकों को कोरोना की मार्गदर्शिका के अनुसार सैनिटाइजर शारीरिक दूरी तथा अनिवार्य रूप से शिक्षक एवं छात्र-छात्राओं के लिए मास्क का पालन किया जाएगा। सरकारी एवं निजी स्कूलों में संचालकों को सैनिटाइजेशन की भी सभी आवश्यक व्यवस्थाएं रखनी होंगी। शिक्षा मंत्री ने इसके साथ यह भी कहा कि राज्य के निजी स्कूल संचालकों को फीस रेगुलेशन कमेटी के निर्देशों की पालन करनी होगी अन्यथा उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।

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