Strawberry Cultivation: कच्‍छ के रेगिस्‍तान में लहलहाएगी स्ट्रॉबेरी की फसल, राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने पौधा लगा की शुरुआत

Strawberry Cultivation गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने भुज तहसील के रेलड़ी गांव में स्ट्रॉबेरी का पौधा लगाया की। भुज तहसील के रेलडी गांव स्थित आशापुरा ऑर्गेनिक फॉर्म पर प्राकृतिक खेती पर आधारित 5 एकड़ भूमि पर डेढ़ लाख स्ट्रॉबेरी के पौधे लगाए जाने हैं।

By Babita KashyapEdited By: Publish:Tue, 28 Sep 2021 01:48 PM (IST) Updated:Tue, 28 Sep 2021 01:56 PM (IST)
Strawberry Cultivation: कच्‍छ के रेगिस्‍तान में लहलहाएगी स्ट्रॉबेरी की फसल, राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने पौधा लगा की शुरुआत
गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने भुज तहसील के रेलड़ी गांव में स्ट्रॉबेरी का पौधा लगाया

अहमदाबाद, जागरण संवाददाता। जीरो बजट खेती (Zero Budget Farming) का सिद्धांत प्रतिपादित करने वाले गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत (Governor Acharya Devvrat) ने कच्छ के रेगिस्तान में स्ट्रॉबेरी की फसल ( Strawberry Cultivation) लहलहाने का बीड़ा उठाया है। राज्यपाल ने भुज तहसील के रेलड़ी गांव में स्ट्रॉबेरी का पौधा लगाकर इस अभियान की शुरुआत की।

गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत सोमवार को गुजरात के सबसे बड़े रेतीले व बंजर इलाके कच्छ के दौरे पर थे। भुज तहसील के रेलडी गांव स्थित आशापुरा ऑर्गेनिक फॉर्म पर प्राकृतिक खेती पर आधारित 5 एकड़ भूमि पर डेढ़ लाख स्ट्रॉबेरी के पौधे लगाए जाने हैं। राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने सुभाष पालेकर प्राकृतिक खेती पद्धति के आधार पर कच्छ में स्ट्रॉबेरी की फसल लहलहाने का बीड़ा उठाया और सबसे पहला स्ट्रॉबेरी का पौधा वहां लगाया। प्राकृतिक खेती को गुजरात में अभियान बनाने वाले प्रफुल्ल सेंजलिया भी उनके साथ मौजूद थे तथा उन्होंने राज्यपाल के साथ पौधों में पानी सींच कर इस अभियान में भागीदारी निभाई।

नेचुरल जीवामृत प्लांट का भी अवलोकन

राज्यपाल देवव्रत यहां पर प्राकृतिक खेती आधारित बैंगन, टमाटर आदि सब्जी की फसलों का निरीक्षण किया तथा प्राकृतिक चेरी टमाटर आदि की फसलों के बारे में जानकारी हासिल की। किसानों ने राज्यपाल को यहां पर 50 किलो के केले की एक लूम दिखाई और उसके बारे में चर्चा की। राज्यपाल ने इसमें गहरी रूचि दिखाई और इस तरह की तकनीक से फल व सब्जी के उत्पादन पर जोर दिया ताकि फल व सब्जी का उत्पादन अधिक हो और किसानों की आय में भी वृद्धि हो। राज्यपाल ने इस संबंध में देश के दूसरे राज्यों में होने वाली खेती व किसानों के बारे में भी अपनी जानकारी साझा की। फार्म हाउस के मालिक हरेश ठक्कर को भी उन्होंने मार्गदर्शन दिया। राज्यपाल देवव्रत ने पत्तों, पेड़ों और फलों से तैयार किए जाने वाले नेचुरल जीवामृत प्लांट का भी अवलोकन किया।

जीरो बजट खेती

इस कार्यक्रम में राज्यपाल के साथ आधुनिक तकनीक से खेती करने वाले किसान मनसुख जाडा, जिला कलेक्टर प्रवीणा डीके, भुज के प्रांत अधिकारी अतिराग चपलोत, तहसीलदार विवेक बारहट, उप तहसीलदार राम सिंह राजपूत के अलावा डॉ मुकेश चंदे, मनीष सोलंकी, गौतम शर्मा आदि भी उनके साथ मौजूद थे। राज्यपाल देवव्रत ने अपने फार्म हाउस पर जीरो बजट खेती को लेकर कई तरह के प्रयोग किए हैं। गुजरात में भी वे इस जीरो बजट खेती के पैटर्न को किसानों को सिखाने को तत्पर रहते हैं। राज्यपाल अपने राजभवन पर भी किसानों की पैदावार उनकी समस्याएं तथा फसल के उचित मुआवजे के साथ उनकी आमदनी में वृद्धि जैसे विषयों पर विशेषज्ञों के साथ विचार-विमर्श करते रहते हैं।

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