गुजरात के स्कूल-कालेजों में स्टैच्यू ऑफ यूनिटी की प्रतिकृतियां लगेंगी

गुजरात सरकार ने कलेक्टरों और कमिशनरों को दिया आदेश, 15 को छोटे समारोह कराने को कहा।एकता यात्रा में शामिल की गई प्रतिकृतियां ही सरदार पटेल के निर्वाण दिवस पर होंगी स्थापित।

By TaniskEdited By: Publish:Fri, 14 Dec 2018 06:30 PM (IST) Updated:Fri, 14 Dec 2018 06:30 PM (IST)
गुजरात के स्कूल-कालेजों में स्टैच्यू ऑफ यूनिटी की प्रतिकृतियां लगेंगी
गुजरात के स्कूल-कालेजों में स्टैच्यू ऑफ यूनिटी की प्रतिकृतियां लगेंगी

अहमदाबाद, प्रेट्र। गुजरात सरकार ने लौह पुरुष और देश के प्रथम गृह मंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल के निर्वाण दिवस यानी 15 दिसंबर को राज्य के कई स्कूलों और कालेजों के परिसर में स्टैच्यू ऑफ यूनिटी की प्रतिकृतियों की स्थापना का फैसला किया है। 

विगत 12 दिसंबर को जारी किए गए आदेश में राज्य के अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) एएम तिवारी ने जिला कलेक्टरों और नगर पालिका कमिश्नरों को 15 दिसंबर को शिक्षण संस्थानों के परिसरों में इन प्रतिकृतियों को स्थापित करने को कहा है। अक्टूबर में एकता यात्रा के पूरे होने के बाद राज्य सरकार विभिन्न स्कूलों और कालेजों को यह प्रतिकृतियां सौंप दी हैं।

तिवारी ने कलेक्टरों और कमिश्नरों को भेजे सकुर्लर में कहा है कि प्रतिमाओं की स्थापना के दौरान वह स्थानीय स्तर पर छोटे कार्यक्रमों का आयोजन करें जिसमें विधायकों, सांसदों और स्थानीय निकायों के प्रतिनिधियों को आमंत्रित करें। सकुर्लर में यह भी कहा गया है कि एकता यात्रा के दौरान जो प्रतिमाएं बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई हैं उन्हें ठीक करके ही स्थापित कराया जाए। जिन प्रतिमाओं को मामूली नुकसान हुआ है उन्हें तुरंत ठीक करके 15 दिसंबर को स्थापित कराया जाए। अतिरिक्त सचिव तिवारी ने अपने आदेश में यह भी कहा कि इन प्रतिमाओं की स्थापना के लिए चबूतरा या सीढि़यां बनवाने की जरूरत नहीं हैं। चूंकि इन्हें किसी बडे़ हॉल या किसी अन्य सुरक्षित स्थान पर भी स्थापित किया जा सकता है।

उल्लेखनीय है कि विगत 31 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नर्मदा जिले के केवडि़या में 182 मीटर की सरदार पटेल की प्रतिमा स्टैच्यू ऑफ यूनिटी का अनावरण करने के बाद गुजरात में दो चरणों में एकता यात्रा का आयोजन किया गया था। इसके तहत राज्य के दस हजार गांवों से यह एकता यात्रा गुजरी थी। इस दौरान मूल स्टैच्यू ऑफ यूनिटी की आदमकद 60 प्रतिकृतियों को राज्य के विभिन्न हिस्सों में ले जाया गया था। ताकि लोग सरदार वल्लभ भाई पटेल के देश की एकता और अखंडता के लिए किए गए योगदान को जान सकें।

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