Gujarat: नारायण साई को तीन दिन की अंतरिम जमानत
Gujarat दस हजार के निजी मुचलके पर हाईकोर्ट ने नारायण साई को 31 जनवरी से तीन दिन की अंतरिम जमानत पर छोड़ने का आदेश दिया है। साई इस दौरान घर से अस्पताल ही जा सकेंगे। उन्हें इस दौरान आश्रम नहीं जाने की हिदायत दी गई है।
अहमदाबाद, जागरण संवाददाता। Gujarat: दुष्कर्म के आरोप में सूरत की जेल में सजा काट रहे नारायण साई को उच्च न्यायालय ने तीन दिन की अंतरिम जमानत दी है। 77 वर्षीय माता के हृदय का ऑपरेशन होना है, जिसके लिए उन्हें 31 जनवरी को जमानत पर छोडा जाएगा। सूरत की दो बहनों से दुष्कर्म के मामले में नारायण साई आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं। आसाराम के बेटे नारायण साई की 77 वर्षीय मां के हृदय का ऑपरेशन होना है, इसलिए उन्होंने गुजरात हाईकोर्ट में अंतरिम जमानत की याचिका दी थी। दस हजार के निजी मुचलके पर हाईकोर्ट ने उन्हें 31 जनवरी से तीन दिन की अंतरिम जमानत पर छोड़ने का आदेश दिया है। साई इस दौरान घर से अस्पताल ही जा सकेंगे। उन्हें इस दौरान आश्रम नहीं जाने की हिदायत दी गई है।
साई ने इससे पहले भी माता-पिता से मिलने के लिए 10 दिन की जमानत मांगी थी, लेकिन वह याचिका हाईकोर्ट में लंबित है। साई को दिसंबर 2013 में दिल्ली की सीमा से गुजरात, राजस्थान व दिल्ली पुलिस के संयुक्त ऑपरेशन के जरिए गिरफ्तार किया गया था। अप्रैल, 2019 में अतिरिक्त सेशंस जज पीएस गढवी ने उन्हें दो युवतियों से दुष्कर्म के मामले में दस- दस साल की अलग-अलग सजा सुनाई थी। साई के पिता आसाराम भी दुष्कर्म के मामले में जोधपुर की जेल में बंद हैं।
यह था मामला
2013 में राजस्थान में एक लड़की के साथ दुष्कर्म के आरोप में आसाराम की गिरफ्तारी के बाद सूरत निवासी दो बहनों ने आसाराम और उसके बेटे पर यौन शोषण का आरोप लगाया था। बड़ी बहन ने आसाराम पर 1997 से 2006 के बीच यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया। उस दौरान वह अहमदाबाद में आसाराम के आश्रम में रहती थी। छोटी बहन ने साई पर 2002 से 2005 के बीच यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाया। उस दौरान वह आसाराम के सूरत के जहांगीरपुरा क्षेत्र में स्थित आश्रम में रहती थी। सूरत पुलिस ने 2014 में साई के खिलाफ 1100 पृष्ठों का आरोप-पत्र दायर किया था। साई के जेल में रहने के दौरान सूरत पुलिस ने पुलिस अधिकारियों, डॉक्टरों और यहां तक कि न्यायिक अधिकारियों को रिश्वत देने की साजिश का पर्दाफाश करने का दावा किया था। उसने अपने खिलाफ मामला कमजोर करने की साजिश रची थी।