Gujarat: डेढ़ माह के नवजात की मां जमानत पर छूटी, मुख्य आरोपित सजा के दिन ही छूटा
Gujarat High Court पॉक्सो कानून के तहत न्यायालय ने पांच साल की सजा काट रही डेढ़ माह के नवजात की माता को जमानत पर छोड़ दिया है। हाईकोर्ट ने कहा कि केस की सुनवाई में काफी समय लग सकता है।
अहमदाबाद, जागरण संवाददाता। Gujarat High Court: गुजरात उच्च न्यायालय ने पॉक्सो कानून के तहत पांच साल की सजा काट रही डेढ़ माह के नवजात की माता को जमानत पर छोड़ दिया है। हाईकोर्ट ने कहा कि केस की सुनवाई में काफी समय लग सकता है। मुख्य आरोपित कल्पेश पटेल पांच साल की सजा सुनाए जाने के दिन ही जेल से बाहर आ गया था। अहमदाबाद के नरोडा इलाके में रहने वाली एक 16 वर्षीय किशोरी को कल्पेश नंदलाल पटेल बहला फुसलाकर भगा ले गया था। कल्पेश ने पीड़िता को गुजरात व प्रदेश से बाहर अलग-अलग जगह पर ले गया तथा उसके साथ कई बार दुष्कर्म किया। उसकी मदद करने के लिए पुलिस ने लक्ष्मी मकवाणा, रंजन मकवाणा, दलाभाई बलोच को गिरफ्तार किया था।
केस के ट्रायल के दौरान दलाभाई की मौत हो गई थी, जबकि अन्य आरोपित कल्पेश, लक्ष्मी व रंजन बलोच को चार अगस्त, 2020 को सैशंस कोर्ट ने पांच-पांच साल की सजा सुनाई। मुख्य आरोपित कल्पेश को पुलिस ने 22 जुलाई, 2015 को गिरफ्तार किया था। जेल में पांच साल पूरे हो जाने से उसे सजा वाले दिन ही रिहा कर दिया गया था। लक्ष्मी व रंजन को चार अगस्त को जेल भेजा गया, तब रंजन करीब नौ माह के गर्भ से थी। हाईकोर्ट न्यायाधीश डॉ एसी जोशी की अदालत को अधिकवक्ता जगत पटेल ने बताया कि पूरे केस में आरोपित रंजन का रोल काफी सीमित है, गिरफ्तारी के वक्त वह गर्भवती थी तथा जेल में अपने डेढ़ माह के नवजात बच्चे के साथ है। इस मामले में वह पहले करीब 10 माह जेल में बिता चुकी है। न्यायाधीश जोशी ने मानवता के आधार पर रंजन के वकील दलील को स्वीकारते हुए उसे जमानत पर छोड़ने का आदेश किया है। न्यायाधीश ने माना कि निचली अदालत के ट्रायल के दौरान भी आरोपित जमानत पर थी, इसलिए उसके जेल से बाहर रहने पर केस की कार्रवाई पर कोई असर पड़ने वाला नहीं है।