Gujarat Politics: गुजरात में मंत्रियों और नेताओं को देनी होगी काम की जानकारी
Gujarat Politics गुजरात भाजपा अध्यक्ष सीआर पाटिल ने दस हजार टेबलेट पार्टी के अन्य पदाधिकारियों को भी देने की बात कही है। इसके जरिए वे सरकार व संगठन को एक सूत्र में पिरोना चाहते हैं ताकि संवाद व सूचनाओं का आदान-प्रदान त्वरित हो सके।
अहमदाबाद, जागरण संवाददाता। गुजरात भाजपा की कमान संभालते ही प्रदेश अध्यक्ष सीआर पाटिल नित नए प्रयोग कर रहे हैं। केवड़िया में पेपरलेस कार्यकारिणी बैठक के साथ ही सरकार व संगठन को एक सूत्र में पिरोने के लिए गुजरात भाजपा नामक एप एक्टिव किया गया है। इस पर पार्टी के जनप्रतिनिधि व पदाधिकारियों को अपने कामों की जानकारी देनी होगी। विरोधी गुट इसे पाटिल का निगरानी तंत्र मानता है। केवड़िया में हुई प्रदेश कार्यकारिणी बैठक में करीब सात सौ सदस्यों को टेबलेट वितरित किए गए थे। इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री विजय रूपाणी से लेकर केंद्र व राज्य सरकार के मंत्रियों, पार्टी के सभी पदाधिकारियों की जानकारी व उनके कार्यक्रमों से जुड़ी सूचनाएं व कार्यकारिणी का एजेंडा अपलोड किया गया था।
साथ ही, पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी, वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, अरुण जेटली, सुषमा स्वराज आदि नेताओं के चुने हुए लेख, भाषण व साहित्यिक रचनाओं व उनके जन्मदिन व इतिहास की जानकारी दी गई है। टेबलेट खोलते ही पार्टी के उस दिन के कार्यक्रम, राष्ट्रीय नेताओं के जन्मदिन जैसी सूचनाएं स्क्रीन पर आ जाएंगी। पाटिल ने दस हजार टेबलेट पार्टी के अन्य पदाधिकारियों को भी देने की बात कही है। इसके जरिए वे सरकार व संगठन को एक सूत्र में पिरोना चाहते हैं, ताकि संवाद व सूचनाओं का आदान-प्रदान त्वरित हो सके। मंत्री व नेता अपने काम की जानकारी व फोटो इस पर अपलोड कर सकेंगे।
विरोधी गुट के नेता इसे पाटिल के निगरानी तंत्र के रूप में देख रहे हैं। उनका मानना है कि पाटिल इस एप के जरिए सरकार व संगठन के नेताओं की लगातार निगरानी कर सकेंगे। पाटिल जुलाई, 2020 में अध्यक्ष बने थे, उसके बाद से एक के बाद एक ऐसे निर्णय कर रहे हैं, जिससे पार्टी के प्रदेश पदाधिकारियों के साथ सरकार के मंत्रियों को भी जवाबदेही के दायरे में सिमेट लेते हैं। गत वर्ष मंत्रियों को भाजपा कार्यालय में बैठक कार्यकर्ताओं की समस्याओं को सुनने के उनके निर्देश को भी मंत्रियों को मानना पड़ा था। आखिर मुख्यामंत्री रूपाणी ने मध्यस्थता कर मंत्रियों को इससे निजात दिला दी थी। वैसे मंगलवार को गांधीनगर सचिवालय में मंत्री प्रदेश के सांसद, विधायक व पार्टी नेता व कार्यकर्ताओं से नियमित रूप से मिलते ही हैं।