Gujarat: गुजरात में किसान नेताओं की धरपकड़, भाकियू ने कहा-आवाज दबा रही सरकार
Gujarat गुजरात में किसान नेताओं की अहमदाबाद पुलिस ने धरपकड़ की तो किसान नेताओं ने कहा कि इस घटना से गुजरात सरकार का चेहरा उजागर हो गया है। उनके मुताबिक गुजरात में किसानों को दबाया जा रहा है।
अहमदाबाद, जागरण संवाददाता। किसान सम्मेलन के संबंध में मीडिया से मिलने पहुंचे किसान नेताओं की अहमदाबाद पुलिस ने धरपकड़ की तो किसान नेताओं ने कहा कि इस घटना से गुजरात सरकार का चेहरा उजागर हो गया है। गुजरात में किसानों को दबाया जा रहा है। भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत आगामी चार-पांच अप्रैल को गुजरात के पालनपुर, अहमदाबाद, गांधीनगर, करमसद बारडोली आने वाले हैं। राकेश टिकैत इस दौरान गुजरात के किसान संगठनों तथा किसानों से मुलाकात करेंगे तथा किसान सम्मेलन को भी संबोधित करेंगे। राकेश टिकैत इस यात्रा में चार अप्रैल को अंबामाताजी के दर्शन कर यात्रा की शुरुआत करेंगे।
पांच अप्रैल को साबरमती आश्रम, सरदार पटेल स्मारक करमसद व बारडोली भी जाएंगे। उनके इसी कार्यक्रम की जानकारी देने भारतीय किसान युनियन के राष्ट्रीय महासचिव युद्धवीर सिंह गुजरात के कुछ किसान नेताओं के साथ शुक्रवार दोपहर अहमदाबाद रिंग रोड पर तपोवन सर्किल के पास एक रेस्त्रां में पत्रकार वार्ता करने पहुंचे। इसी दौरान गुजरात पुलिस के कुछ अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर युद्धवीर सिंह, जगतात फाउंडेशन के जेके पटेल, धरती पुत्र ट्रस्ट के गजेंद्र सिंह सहित पांच लोगों की यह कहते हुए धरपकड़ कर ली कि उन्होंने इसकी मंजूरी नहीं ली।
धरपकड़ के दौरान युद्धवीर सिंह ने कहा कि गुजरात सरकार तानाशाही रवैया अपना रही है। गुजरात में किसानों की आवाज को दबाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि गुजरात आंदोलन की धरती है। महात्मा गांधी व सरदार पटेल ने यहां से ही देश की आजादी के आंदेालन की शुरुआत की थी। उनका कहना था कि जब प्रधानमंत्री एक देश, एक कानून की बात करते हैं तो देश के किसान एक होकर आपस में बात क्यों नहीं कर सकते। मीडिया से मिलने के लिए भी कौन सी मंजूरी की जरूरत है। उन्होंने कोई गुनाह नहीं किया, लेकिन यहां प्रजातंत्र नहीं है। सरकार व पुलिस की मनमानी है।
गौरतलब है कि पिछले कुछ समय से किसान नेता राकेश टिकैत देश में विभिन्न स्थानों पर नए कृषि कानून के विरोध में महापंचायत कर रहे हैं। इस दौरान वह नए कृषि कानून को लेकर किसानों को जानकारी दे रहे हैं। राकेश टिकैत अब तक बंगाल, राजस्थान सहित कई राज्यों का दौरा कर चुके हैं। दिल्ली बॉर्डर पर किसान पिछले काफी समय से नए कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं।