Coronavirus Gujarat Update गुजरात में बीते 24 घंटे में दर्ज हुए 394 नये मामले, कुल संक्रमित 14063

Gujarat Coronavirus News Update गुजरात में बीते 24 घंटे में 394 नये मामले सामने आये हैं जिसके बाद यहां कुल संक्रमित मरीजों की संख्‍या 14063 तक पहुंच गयी है।

By Babita kashyapEdited By: Publish:Mon, 25 May 2020 07:48 AM (IST) Updated:Mon, 25 May 2020 02:37 PM (IST)
Coronavirus Gujarat Update गुजरात में बीते 24 घंटे में दर्ज हुए 394 नये मामले, कुल संक्रमित 14063
Coronavirus Gujarat Update गुजरात में बीते 24 घंटे में दर्ज हुए 394 नये मामले, कुल संक्रमित 14063

अहमदाबाद, एएनआइ। गुजरात में बीते 24 घंटे में 394 नये मामले सामने आये हैं जिसके बाद यहां कुल संक्रमितों की संख्‍या 14,063 तक पहुंच गयी है। स्‍वास्‍थ्‍य विभाग के अनुसार अब तक 6412 मरीजों के स्‍वस्‍थ होने के बाद उन्‍हें अस्‍पताल से घर भेज दिया  गया है, 858 की मौत हो चुकी है। 

गौरतलब है कि गुजरात में शनिवार को 396 नये मामलों की पुष्टि हुई थी और 27 लोगों की मौत दर्ज हुई थी।  राज्‍य में संक्रमितों की कुल संख्‍या 13,669 बतायी गयी थी।  कुल 6169 मरीजों के स्‍वस्‍थ होने की जानकारी दी और 829 की मौत हुई। अहमदाबाद की हालत सबसे अधिक चिंताजनक बतायी गयी है, यहां शनिवार तक कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा 10 हजार के पार था। 

  शनिवार को जारी किये गये आंकड़ों में अहमदाबाद से 277, वड़ोदरा से 35, सूरत से 29, गांधीनगर से 9, आणंद से 3, राजकोट से 4, अरवल्ली से 5, मेहसाणा से 4, महिसागर, खेड़ा, पाटण, सुरेन्द्रनगर और अमरैली से 2-2, तापी से 3, गिर सोमनाथ से 6, जूनागढ़ से 8, नवसारी, पोरबंदर और मोरबी में एक-एक मामले सामने आये थे। शनिवार को 27 लोगों की मौत दर्ज गयी थी जिसमें से अकेले अहमदाबाद में ही 24 मौतें हुई थी और तीन मौत सूरत में हुई थी। 

गुजरात सरकार की कोरोना टेस्टिंग पॉलिसी पर भी विवाद

अहमदाबाद में संक्रमितों की संख्‍या 10 हजार के पार पहुंच चुकी है, तो वहीं गुजरात सरकार की कोरोना टेस्टिंग पॉलिसी पर भी विवाद पैदा हो गया है। अहमदाबाद अस्‍पताल व नर्सिंग होम्‍स एसोसिएशन ने इस बारे में सरकार को पत्र लिखा और कम टे‍स्टिंग के कारण महामारी के बढ़ने पर चिंता जाहिर की है। एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉक्टर भरत गढवी ने राज्य की स्वास्थ्य सचिव जंयती रवि को पत्र लिख सवाल किया है कि अहमदाबाद में कम टेस्टिंग करने के फैसले का क्या आधार है। उन्‍होंने कहा कि प्राइवेट लैब में मंजूरी के बाद ही कोरोना की टेस्टिंग क्यों, अगर कोई महामारी आयेगी तो फैसला करने वालों जिम्मेदार ठहराया जायेगा? इस पॉलिसी पर अमल करने  स्वास्थ्य विशेषज्ञ से क्‍या सुझाव लिया गया था? मेडिकल आपातकालीन के समय सर्जरी के पूर्व  टेस्टिंग जरुरी है। ऐसे समय में रोगियों को अन्य समस्याओं से बचाने की जिम्मेदारी किसी होगी? इस पत्र में सरकार के इस फैसले से डाक्टरों और अस्पतालों को पड़ने वाली समस्याओं का भी उल्लेख किया गया है।

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