Dholera Smart City: गुजरात की धोलेरा स्मार्ट सिटी में बनी कृत्रिम नदी, जानें इसकी खासियतें
Dholera Smart City In Gujarat धोलेरा स्मार्ट सिटी जहां एक ओर देश और विदेश के निवेशकों की पहली पसंद बनती जा रही है वहीं भारतीय उद्यमी अंबरीष परजिया ने यहां मानव निर्मित नहर व मानव निर्मित नदी का निर्माण कर धोलेरा सिटी के आकर्षण में चार चांद लगा दिए हैं।
अहमदाबाद, जागरण संवाददाता। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सपनों की नगरी धोलेरा स्मार्ट सिटी जहां एक ओर देश और विदेश के निवेशकों की पहली पसंद बनती जा रही है, वहीं भारतीय उद्यमी अंबरीष परजिया ने यहां मानव निर्मित नहर व मानव निर्मित नदी का निर्माण कर धोलेरा सिटी के आकर्षण में चार चांद लगा दिए हैं। गेप एसोसिएट के निदेशक अंबरीष बताते हैं कि समय की तीव्र गति के साथ समन्वय करते हुए भारत ने यह सिद्ध कर दिया है कि वो वैश्विक स्तर पर हर विधा और क्षेत्र में एक नया आयाम और पहचान स्थापित कर सकता है। भारतीय इतिहास के त्रेता युग में अपने पूर्वजों का उद्धार करने के लिए राजा भगीरथ पवित्र 'गंगा' को ब्रह्मलोक से धरती पर लाए थे। वर्तमान काल में ऐसा ही एक भगीरथी प्रयास भारत के प्रधानमंत्री मोदी ने किया। साबरमती रिवरफ्रंट के स्वप्न को साकार करके तथा इसके बाद स्मार्ट सिटी धोलेरा सर में मानव निर्मित कृत्रिम नदी बनाने की दिशा में किया जा रहा है।
कोरोना काल में बनी नदी
वर्ष 2021 में जब पूरा विश्व कोरोना महामारी से जूझ रहा है, वहीं पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत इस संकट के निवारण के लिए कार्य करते हुए गुजरात की धरती पर मानव निर्मित नदी के निर्माण को साकार करने में लगे थे। नरेन्द्र मोदी जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे, तब उन्होंने धोलेरा सर में सिंगापुर, दुबई जैसी बिजनेस हब सिटी की नींव रखी थी। इस बड़े स्वप्न को पूरा करने में जुटे व्यवसायी जगत को निर्माण कार्य के लिए जल संकट से सतत जूझना पड़ा था। उस संकट को और अधिक कष्टपूर्ण बनाती थी धोलेरा सर की भौगोलिक स्थिति, जिसके कारण वहां जीवन के लिए उपयोगी पीने के पानी की भी विकराल समस्या थी, लेकिन संकट के पत्थरों से मार्ग बनाने वाले मोदी ने धोलेरा सर के साथ-साथ नव निर्मित नदी के निर्माण की एक अत्यंत महत्वाकांक्षी परियोजना भी शुरू की। आज स्थिति यह है कि 25 किलोमीटर क्षेत्रफल में धोलेरा सर स्मार्टसिटी पूरी तरह से बनकर तैयार हो गई है और इसमें भी एक विशिष्ट उपलब्धि के रूप में पांच किलोमीटर लंबी, 110 मीटर चौड़ी और 15 फीट गहरी एक कृत्रिम नदी धोलेरा सर स्मार्टसिटी क्षेत्र में बहने लगी है। ऐसी तीन कृत्रिम नदियों का यहां निर्माण कराने की योजना है।
दुबई और शंघाई की तरह बनी नदी
ऐसा विहंगम दृश्य अभी तक दुबई और शंघाई जैसी जगहों में ही देखने को मिलता था। पांच किलोमीटर कृत्रिम नदी पर अभी तक छह पुल बनकर तैयार हो गए है और नदी के आसपास के भू-भाग पर मरीन गार्डन को विकसित किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त नदी पर बने पुलों को 'रेनवाटर स्टोरेज' के लिए भी उपयोग में लिए जाने की योजना है, ताकि धोलेरा सर स्मार्टसिटी में वर्ष भर जल की आपूर्ति निर्बाध रूप से हो सके। धोलेरा सर स्मार्टसिटी में आगामी 50 वर्ष के औद्योगिक विकास के मद्देनजर 72 किलोमीटर लंबा सड़क मार्ग बनाकर तैयार किया गया है। मार्ग के नीचे व आसपास से विद्युतीकरण, इंटरनेट, पानी, ड्रेनेज और गैसलाइन की व्यवस्था की गई है। इसके साथ-साथ रेनवाटर स्टोरेज के लिए जगह-जगह पर ब्लाक व टनल भी बनाए गए हैं।
यहां का वाटर ट्रीटमेंट है खास
अंबरीष परजिया के अनुसार वर्तमान समय में विश्व में सिंगापुर का वाटर ट्रीटमेंट सिस्टम उत्कृष्ट माना जाता है, क्योंकि उसमें जल का मात्र सात प्रतिशत भाग ही व्यर्थ जाता है, लेकिन धोलेरा सर स्मार्टसिटी वाटर ट्रीटमेंट के मामले में सिंगापुर से भी आगे निकल जाएंगी, क्योंकि इसके वाटर ट्रीटमेंट सिस्टम में जल का मात्र पांच प्रतिशत भाग ही व्यर्थ जाएगा। देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सक्षम भारत निर्माण के कार्यों की सूची और उपलब्धियों में धोलेरा सर स्मार्टसिटी प्रोजेक्ट शामिल है। इसके अलावा उनकी अन्य उत्कृष्ट उपलब्धियों में सबसे ऊंची प्रतिमा, सबसे लंबी टनल, सबसे लंबा एक्सप्रेस-वे, सबसे ऊंचा रेल ब्रिज, तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था, तेज रूप से साकार होती डिजीटल ट्रांजेक्शन सेवा, तेजी से उभरता रेलवे नेटवर्क, दुनिया का सबसे बड़ा क्रिकेट मैदान और इन सबमें विशिष्ट दुनिया की सबसे बड़ी स्मार्टसिटी धोलेरा परियोजना उदाहरण स्वरूप सम्मिलित की जा सकती हैं, क्योंकि वे सदैव कुछ बड़ा सोचते है, बड़ा स्वप्न देखते हैं और उस स्वप्न को पूरा करने के लिए कार्य करते हैं। अहमदाबाद से करीब 80 किलोमीटर की दूरी पर बन रही स्मार्ट सिटी धोलेरा में अगले साल जनवरी से अंतरराष्ट्रीय स्तर के हवाई अड्डे का प्रथम चरण का कार्य पूर्ण हो जाएगा।
हर तरह की सुविधाएं मिलेंगी यहां
गुजरात के मुख्यमंत्री रहते नरेन्द्र मोदी ने धोलेरा सिटी का सपना देखा था जो अब धीरे-धीरे पूरा होता नजर आ रहा है मानव निर्मित स्मार्ट सिटी गुजरात की सबसे आधुनिक सभी तरह की सुख सुविधाओं से युक्त होगी। यहां पर 15 किलोमीटर लंबी मानव निर्मित नहर, छह ब्रिज तैयार किए गए हैं तथा तीन कृत्रिम नदियों का भी यहां निर्माण किया जाएगा। 25 किलोमीटर किलोमीटर में है तैयार की जा रही स्मार्ट सिटी पानी की जरूरत प्राकृतिक तरीके से पूरा किया जाएगा, इसके लिए 110 मीटर चौड़ी मैं 15 मीटर गहरी नदी भी तैयार की गई है। धोलेरा 5000 साल पुराने लोथल हेरिटेज साइट के पास बनाई जा रही है यहां पर विविध तरह की टाउनशिप भी डेवलप की जा रही है।
आठ लाख लोगों को मिलेगा रोजगार
प्रधानमंत्री मोदी ने कच्छ को पर्यटन का केंद्र बनाने सरदार पटेल की दुनिया में सबसे ऊंची प्रतिमा स्टैचू आफ यूनिटी के निर्माण गांधीनगर महात्मा मंदिर तथा अहमदाबाद के पास धोलेरा स्मार्ट सिटी के निर्माण का सपना देखा था, वह पूरा होता नजर आ रहा है। हांगकांग व सिंगापुर की तर्ज पर धोलेरा सिटी का निर्माण किया जा रहा है, जो 12 अलग-अलग जोन में विकसित होगा। यहां पर आवासीय, औद्योगिक, नालेज एंड सूचना प्रौद्योगिकी, सिटी सेंटर सोलर पार्क, पर्यटन, स्पोर्ट्स व कोस्टल जोन डोमेस्टिक व इंटरनेशनल एयरपोर्ट जैसी सुविधाएं विकसित की जा रही हैं। आवासीय औद्योगिक सभी तरह के परिवहन तथा प्राकृतिक ऊर्जा स्रोत व जल स्रोत पर आधारित यह अपने आप में अनूठी सिटी होगी, यहां देश और दुनिया के कई देशों के लोगों को यहां बसाया जाएगा। एक अनुमान के तौर पर करीब 20 लाख लोगों को यहां बचाया जा सकेगा। करीब आठ लाख लोगों के लिए यहां रोजगार का सृजन होगा। आसपास के दो दर्जन गांव को पानी बिजली सड़क तथा परिवहन की बेहतर सुविधाओं के साथ उद्योग में व्यापार की भी सहूलियत होगी। यहां बनाई जाने वाली ग्लोबल बिजनेस सिटी के 72 किलोमीटर लंबे रोड के नीचे जगह-जगह ब्लाक व टनल बनाए जाएंगे जिनके जरिए वर्षा के जल को संरक्षित किया जा सकेगा। मानसून का पांच फीसद पानी ही व्यर्थ होगा। धोलेरा सिटी सड़क ड्रेनेज इंटरनेट गैस लाइन व बिजली करण का अपने-अपने माडल सिटी होगी। यहां पर वैकल्पिक ऊर्जा स्रोत के रूप में 10 गीगा वाट का सोलर पार्क विकसित किया जाएगा।