सौराष्ट्र के पाटीदार नेता को अहम जिममेदारी, संघाणी बने इफको के कार्यकारी अध्यक्ष

दिलीप संघाणी को इफको का कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया है। इफको चेयरमैन के निधन के बाद से ये पद खाली था। संघाणी गुजरात सौराष्ट्र के अमरेली जिले से आते हैं तथा केंद्रीय डेयरी व पशुपालन मंत्री पुरुषोत्तम रुपाला भी इसी जिले से हैं।

By Babita KashyapEdited By: Publish:Wed, 20 Oct 2021 12:32 PM (IST) Updated:Wed, 20 Oct 2021 12:32 PM (IST)
सौराष्ट्र के पाटीदार नेता को अहम जिममेदारी, संघाणी बने इफको के कार्यकारी अध्यक्ष
दिलीप संघाणी को इफको का कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया है।

अहमदाबाद, जागरण संवाददाता। गुजरात सहकारी क्षेत्र के दिग्गज एवं पूर्व मंत्री दिलीप संघाणी को इफको का कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया है। केंद्रीय मंत्री रुपाला, मांडविया के बाद संघाणी सौराष्ट्र के तीसरे ऐसे नेता हैं जिन्हें केंद्र में महत्व दिया गया है। रूपाला एवं संघाणी बचपन के दोस्त हैं तथा स्कूल और कॉलेज में दोनों साथ पढ़े हुए हैं। गुजरात के पूर्व कृषि मंत्री दिलीप संघाणी सौराष्ट्र के दिग्गज सहकारी नेता हैं, नेशनल कोऑपरेटिव यूनियन ऑफ़ इंडिया एनसीयूआई के भी अध्यक्ष हैं तथा गुजरात स्टेट कोऑपरेटिव मार्केटिंग फेडरेशन लिमिटेड (गुजकोमासोल) से भी जुड़े हुए हैं।

इफको चेयरमैन के निधन हो जाने से इस पद पर अब दिलीप संघाणी को कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। करीब ढाई साल तक वे हैं पद पर रहेंगे संघाणी इफको के निदेशक मंडल में शामिल हैं तथा उनको इसका उपाध्यक्ष भी नियुक्त किया गया था। संघाणी, गुजरात सौराष्ट्र के अमरेली जिले से आते हैं तथा केंद्रीय डेयरी व पशुपालन मंत्री पुरुषोत्तम रुपाला भी इसी जिले से हैं। ‌

रूपाला एवं संघाणी बचपन के दोस्त हैं तथा स्कूल और कॉलेज में दोनों साथ पढ़े हुए हैं। नूतन स्कूल व खमाणी कॉलेज में दोनों साथ-साथ पढ़े। रुपाला में संघाणी दोनों विज्ञान संकाय के छात्र थे। काॅलेज महासचिव का चुनाव लड़ने के लिए संघाणी कला संकाय में चले आते चूंकि विज्ञान में सीट खाली नहीं थी। संघाणी, मुख्यमंत्री चिमन भाई पटेल एवं मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार में मंत्री रह चुके हैं केशु भाई के वक्त वे सांसद बनकर दिल्ली चले गए थे।

रुपाला वह संघाणी के अलावा केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडवीया भी सौराष्ट्र के ही हैं। गुजरात के सौराष्ट्र को केंद्र में प्रमुखता मिली है। इसके अलावा तीनों ही नेता पाटीदार समुदाय से आते हैं जो 2022 में होने वाले गुजरात चुनाव में भाजपा की नैया पार कराने में अहम भूमिका निभा सकते हैं।

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