IIM Ahmedabad की छात्रा ने की खुदकुशी, फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा गया मोबाइल
IIM Ahmedabad अहमदाबाद प्रबंधन संस्थान में एमबीए पीजीपी ओल्ड कोर्स के द्वितीय वर्ष की छात्रा दृष्टि राज ने खुदकुशी कर ली। कमरे से कोई सुसाइड नोट बरामद नहीं हुआ है। छात्रा का मोबाइल फॉरेंसिक जांच के लिए भेज दिया गया है।
अहमदाबाद, जागरण संवाददाता। भारतीय प्रबंधन संस्थान अहमदाबाद में एमबीए पीजीपी द्वितीय वर्ष की छात्रा ने अपने कमरे में खुदकुशी कर ली। पुलिस को घटनास्थल पर कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है मृतक छात्रा का मोबाइल फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है। मूल रूप से बिहार के मुजफ्फरपुर की रहने वाली दृष्टि राज काफी समय तक दिल्ली में रही थी।
अहमदाबाद प्रबंधन संस्थान में एमबीए पीजीपी ओल्ड कोर्स के द्वितीय वर्ष की छात्रा थी। बुधवार दोपहर उसने अपने कमरे में छत से लटककर खुदकुशी कर ली। घटना की जानकारी मिलते ही सैटेलाइट पुलिस निरीक्षक जेपी अग्रावत संस्थान पहुंचे जहां आइआइएम के सुरक्षाकर्मियों ने उनका पहचान पत्र देखा इसके बाद पुलिस को घटनास्थल पर जाने दिया गया।
इंटरनेट मीडिया पर फोटो शेयर की थी
अग्रावत ने बताया है कि दृष्टि राज की कोई मेडिकल हिस्ट्री या अवसाद में होने की जानकारी नहीं है ना ही उसके कमरे से कोई सुसाइड नोट बरामद हुआ है। पुलिस ने दृष्टि राज का मोबाइल फॉरेंसिक जांच के लिए भेज दिया है। मृतका के शव को पोस्टमार्टम के लिए अहमदाबाद के सिविल अस्पताल में भेजा गया है। मृतका ने 14 दिसंबर को अपने मम्मी पापा और भाई को याद करते हुए इंटरनेट मीडिया पर उनके साथ अपने फोटो शेयर की थी तथा खुद को परिवार से दूर होने पर काफी दुख जताया था।
अंदर से बंद था दरवाजा
दृष्टि मूल रूप से बिहार के मुजफ्फरपुर जिले की रहने वाली है तथा वह अहमदाबाद आइआइएम में 2 साल से पढ़ाई कर रही थी। आइआइएम संस्थान के कर्मचारी तथा उसके सहपाठी भी उसके बारे में कुछ नहीं बता पा रहे हैं वह सुबह से अपने कमरे में बंद थी तथा दोपहर का खाना खाने के लिए भी कैंटीन नहीं आई थी। दोपहर तक जब वह बाहर नहीं निकली तो शंका हुई और पुलिस को सूचित किया गया। सेटेलाइट पुलिस निरीक्षक अग्रावत अपने साथियों के साथ आइआइएम पहुंचे जहां डोम के कमरा नंबर आठ में हमसे तो दरवाजा अंदर से बंद था।
दिल्ली विश्वविद्यालय के श्री राम कॉलेज ऑफ कॉमर्स से किया था स्नातक
पुलिस ने संस्थान के सुरक्षाकर्मियों की मदद से दरवाजा तोड़ा तो दृष्टि छत के पंखे से लटकी हुई मिली। हालांकि सृष्टि के कमरे से तो पुलिस को कोई सुराग नहीं मिला लेकिन संस्थान के प्रोफ़ेसर ने बताया कि वह पढ़ने में काफी होशियार थी। दृष्टि के पिता नौकरी करते हैं तथा मां एक गृहिणी है उसका एक छोटा भाई है। परिवार वालों ने बताया कि दृष्टि की ऑनलाइन प्रोफाइल में उसने दर्शाया था कि वह सीबीएसई 12वीं क्लास में राज्य में सातवें स्थान पर थी जबकि दसवीं कक्षा में उसने दसवां स्थान प्राप्त किया था। दृष्टि ने दिल्ली विश्वविद्यालय के श्री राम कॉलेज ऑफ कॉमर्स से स्नातक किया था।